तेज़ गेंद बाज Mayank Yadav मयंक यादव का इंडिया टीम में डेव्यु की कहानी

कहा जाता है के पेस ही गति है और Mayank Yadav मयंक यादव की सकल में इंडिया टीम के पास कहर है IPL 2024 में Mayank Yadav मयंक यादव लखनऊ में लखनऊ सुपर जाइन्ट्स के लिए लगातार 150 से उपर की रफ़्तार बरक़रार करके ये साबित कर चुके है Mayank Yadav मयंक यादव ने टीम इंडिया में जगह बनाई है|

आज कहानी उस खिलाडी की है जिसकी रातो की नींद काली हो गई जिसके पास ना रहने के लिए घर था और ना ही पहनने के लिए कपड़े और पैरो में जूते जिसकी माँ दुसरो के घर से खाना मांग कर उसका पेट भरती थी जिसका पिता चाय की एक मामूली सी दूकान चलाते थे

और उसे भी बेचना पड़ गयाउस खिलाड़ी को क्रिकेट अकेडमी जॉइन कराने के लिए और जब उसे पहली बार आईपीएल के खेल में खेलने का मौका मिला तो उस खिलाडी ने महज़ 21 साल की उम्र में आईपीएल खेल के इतिहास में सबसे तेज़ गेंद फेकने के साथ साथ दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाजो को अपनी घातक गेंद बाज़ी से सबको हैरान कर दिया|

जी हा हम बात कर रहे है लखनऊ सुपर जॉइंट्स की तरफ से खेलने वाले Mayank Yadav मयंक यादव की
Mayank Yadav मयंक यादव का जन्म 17 जुलाई 2002 को दिल्ली के मोती नगर के इलाके में हुआ मयंक यादव के पिता का प्रभु यादव जो मूल रूप से बिहार के सुपोल जिले के एक छोटे से गाव रथोव के रहने वाले है Mayank Yadav के घर पर गरीबी इतनी थी की कभी कभी उनके माता पिता को खली पेट सोना पड़ता था|

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घर की इसी गरीबी से तंग आ कर उनके पिता प्रभु यादव ने अपनी पत्नी के साथ 1999 में घर छोड़ कर काम काज के तलाश में दिल्ली आने का फैसला लिया और दिल्ली आकर मोती नगर इलाके में एक किराए का मकान लेकर रहने लगे और वही पर Mayank Yadav के पिता प्रभु यादव जीवन याचिका चलाने के लिए सुरुआत के दिनों में उन्होंने चाय और अन्डे की एक छोटी सी दूकान खोल ली |

Mayank Yadav का जन्म भी दिल्ली में ही हुआ मयंक यादव जब चार साल के हुए तो इनके पिता प्रभु यादव ने मयंक का दाखिला दिल्ली के ही पंजाबी बाग इस्थित मसर स्कूल में करवा दिया हर माता पिता की तरह Mayank Yadav के पिता भी चाहते थे की उनका बेटा भी पढ़ लिख कर कुछ अच्छी सी नौकरी कर सके जिसके चलते घर की गरीबी दूर हो घर की गरीबी और अपने पिता के सपनो को साकार करने के लिए Mayank Yadav मयंक यादव छोटी सी उम्र में खूब मन लगाकर पढाई करते थे|

मयंक यादव के पिता प्रभु यादव खुद बहुत बड़े क्रिकेट के फेन थे

हालाकि मयंक यादव के पिता प्रभु यादव जो खुद बहुत बड़े क्रिकेट के फैन थे जिन्हें क्रिकेट देखने और खेलने में दोनों का बहुत सौख था और पिता का ये सौख भी धीरे धीरे नन्हे मयंक यादव के अन्दर भी आ गया जिसके चलते मयंक जब स्कूल से छुट कर घर पहुचते तो वो घर पहुचने के फ़ौरन बाद ही घर के बगल इस्थित पार्क में क्रिकेट खेल रहे बच्चो के साथ जा कर क्रिकेट खेलने लगते थे |

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और ये सिलसिला लगभग 3 साल तक चलता रहा जब Mayank Yadav मयंक यादव 7 साल के हुए तब एक दिन पंजाबी बाग इस्थित उनके स्कूल MS आर्या स्कूल और दिल्ली के करोल बाग़ इस्थित बालभारती पब्लिक स्कूल के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ मयंक यादव के स्कूल के गेम टीचर को एक तेज़ गेंद बाज की तलाश थी जिसके लिए वो स्कूल के बच्चो का ट्राएल ले रहे थे और इस ट्राएल के दौरान मयंक यादव भी अपने मन में स्कूल की तरफ से खेलने का सपना सजा कर ट्राएल के लिए गेम टीचर के पास जा पहुचे और गेम टीचर से कहा की मुझे भी अपने साथ स्कूल की तरफ से खेलना है|

लेकिन जब गेम टीचर ने Mayank Yadav मयंक यादव की ओर देखा तो उन्होंने मयंक यादव से कहा की बेटा अभी आप की उम्र बहुत कम है इस गेम में 12 साल की उम्र से उपर के बच्चे भाग ले रहे है तुम्हे चोट लग जाएगी तुम जाओ अपनी उम्र के बच्चो के साथ क्रिकेट खेलो लेकिन Mayank Yadav मयंक यादव ने जिद्द पकड़ ली स्कूल टीचर रमेश के सामने नन्हे मुन्हे मयंक यादव ने अपने गेम टीचर रमेश से कहा की सर मुझे एक बार ट्राएल में भाग लेने का मौका दीजिए अगर मै बेहतर नही कर पाया तो आप मुझे बहार कर देना मयंक यादव के बार बार जिद करने पर गेम टीचर रमेश ने मयंक को ट्राएल का मौका दिया और जब मयंक यादव ने गेम टीचर के सामने पहली गेंद डाली तो मयंक के रफ़्तार और बेहतरीन लाइन लेंथ को देखकर गेम टीचर रमेश को अपनी आँखों पर यकीं नही हुआ|

गेम टीचर रमेश जी को ये देख कर यकीं नही हो रहा था के इतनी कम उम्र का बच्चा इतनी बेहतरीन गेंद बाजी कैसे कर रहा है Mayank Yadav की शानदार गेंदबाज़ी को देखकर गेम टीचर रमेश ने मयंक को स्कूल की टीम से खेलने का मौका दिया फिर क्या था मयंक ने मुकाबले में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए नजर आए न सिर्फ 7 नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए मत्वा पूर्ण 25 रन बनाए बल्कि गेंदबाज़ी के दौरान विरोधी टीम बालभारती पब्लिक स्कूल के 4 खिलाडियों को आउट करके अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई|

महज 7 साल की उम्र में Mayank Yadav मयंक यादव के अन्दर क्रिकेट की अद्भुत प्रतिभा को देखकर मयंक यादव के स्कूल के गेम टीचर रमेश इतने जादा प्रभावित हुए की वो मयंक यादव के घर जा पहुचे|

और उन्होंने मयंक यादव के पिता से कहा आप के बेटे के अन्दर क्रिकेट खेलने की अद्भुत प्रतिभा है आप मयंक का दाखिला किसी अच्छे क्रिकेट क्लब में करवादो ये आगे चलकर क्रिकेट की दुनिया में बड़ा नाम बन सकता है लेकिन मयंक के पिता ने साफ़ तौर पर मयंक के गेम टीचर से कह दिया की सर मै बहुत गरीब आदमी हु मै बड़ी मुस्किल से अपने बच्चे की स्कूल फीस और परिवार के खाने पिने का इन्तेजाम कर पता हु भला मै कहा से इतने पैसे का इन्तेजाम कर पाउँगा की अपने बच्चे की पढाई की फीस के साथ साथ उसके क्रिकेट कोचिंग की फीस जमा कर पाऊंगा|

Mayank Yadav के पहले कोच देवेन्द्र शर्मा

Mayank Yadav के पिता ने गेम टीचर को साफ़ तौर पर मना कर दिया लेकीन मयंक यादव कहा मानने वाले उनके सर पर तो बस क्रिकेट का भूत सवार था वो घर से पढने के लिए निकलते लेकिन वो स्कूल न जाकर अपनी उम्र से बड़े लडको के साथ क्रिकेट खेलने लग जाते थे

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Mayank Yadav को क्रिकेट अकेडमी जॉइन कराने के लिए इतने पैसे नही थे इसलिए उन्होंने अपनी दूकान बेच दी दूकान बेचने के बाद जो पैसे मिले उस पैसे से मयंक का दाखिला रोहतक रोड क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया और यहाँ पर लगभग मयंक ने 5 साल तक कोच देवेन्द्र शर्मा के संरछ्न में क्रिकेट की बारिकिया सीखते रहे |

तमाम कठिनियो और परेसनियो के साथ मयंक यादव क्रिकेट खेलते रहे और इसी दौरान सन 2022 में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की टीम के बीच एक टी 20 मुकाबला खेला जाना था और उस मुकाबले के लिए मयंक यादव का सलेक्सन दिल्ली की टीम से हुआ मुकाबला उत्तर प्रदेश के कानपूर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा था और उस समय उत्तर प्रदेश टीम के कोच थे विजय दाहिया |

विजय दहिया आईपीएल में लखनऊ सुपर जाइन्ट्स के कोचिंग स्टाफ के सदस्य थे और जब विजय दहिया ने मयंक यादव की रफ़्तार और खतरनाक गेंदबाजी देखी तो वो मयंक यादव से इतना प्रभावित हुए की उन्होंने मयंक यादव के बारे में पूरी जानकारी ली और जब कोच विजय दहिया को पता चला की मयंक एक बेहद ही गरीब घर से तालुक रखता है तो उन्होंने Mayank Yadav को आईपीएल में लखनऊ सुपर जॉइंट्स टीम में 20 लाख रुपे की बेस्ट प्राइस पर नेट बोलर के रूप में सामिल किया

मयंक यादव के शानदार गेंदबाज़ी के बदौलत पंजाब को 21 रन से हराया

और जब आईपीएल 2023 में मयंक यादव लखनऊ सुपर जॉइंट्स के बल्लेबाजों को प्रेक्टिस के दौरान नेट में गेंदबाज़ी की तो मयंक की रफ़्तार और बेहतरीन लाइन लेंथ को देख कर हर कोई हैरान रह गया जिसके कारण आईपीएल में लखनऊ के तरफ से खेलने का मौका मिल गया 30 मार्च सन 2024 ये वही एतिहासिक दिन है जिस दिन लखनऊ सुपर जॉइंट्स के साथ साथ भारतिय क्रिकेट बोर्ड की भी किस्मत चमकने वाली थी जो कई दसक से एक तेज़ गेंदबाज़ के लिए तरस रहा था जो 150 km प्रति घंटे की रफ़्तार से अधिक गेंदबाज़ी कर सके

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30 मार्च 2024 साम 7:30 बजे लखनऊ के क्रिकेट स्टेडियम में लखनऊ और पंजाब के बीच आईपीएल का 11वा मुकाबला खेला जा रहा था जहा पर लखनऊ ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पंजाब के सामने निर्धारित 20 ओवर में 199 रन का लक्ष्य दिया 199 रन के लक्ष्य का पीछा करने के लिए मैदान पर बल्लेबाज़ी करने आए पंजाब के कप्तान सिखर धवन और जोनी ब्रेस्तो

KL राहुल ने पारी के 10वे ओवर में गेंदबाज़ी की जिम्मेदारी सोपी मयंक यादव पर और सामने थे जोनी ब्रेस्तो और जब मयंक ने अपने ओवर की पहली गेंद डाली जो की 147 km प्रति घंटा की रफ़्तार से जोनी ब्रेस्तो के कान के पास से ज़ूम करते हुए विकेट कीपर के दस्तानो में जा पहुची आईपीएल की सबसे तेज़ गेंद बाज 156 km की रफ़्तार स्पीड गन मयंक यादव

Mayank Yadav ने अभी तक आईपीएल में सिर्फ 2 मुकाबले खेले है और in दो मुकाबलों में मयंक यादव के नाम पर 6 विकेट है मयंक ने अभीतक आईपीएल के कुल दो मुकाबलों में 8 ओवर की गेंदबाज़ी की है जहा पर उन्होंने 25 ऐसे गेंदे डाली थी जो की 150 km की उपर की है इसी प्रदर्सन को देख कर हुआ इंडिया टीम में डेब्यू मयंक यादव का |

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