Khesari Lal Yadav क्या आप लोगो को पता है Khesari Lal Yadav का असली नाम क्या है।
इनका असली नाम Satrudhan Kumar Yadav है।
सत्रुधन कुमार यादव है।
जब यह छोटे से थे तब बहुत बोलते थे और कथा रामायण गाते थे।
ये अपने प्रोग्राम मे बहुत ज्यादा बोलते थे, बहुत बोलने की वज़ह से लोग इन्हे खेसारी कहने लगे।
Khesari Lal yadav सुरू से सिंगर नही है और ना ही कही से संगीत सीख़े है। ये पहले झलकुट्टन मे रामायण और महाभारत गाते थे।
इनके जो गुरू थे Kamla kant misra व्याश जी ,
उन्होंने खेसारी जी को झाल बजाना सिखाया। और उसी दौरान गाते गाते लिट्टी चोखा बेचते बेचते अपनी जीवन को चलाते थे।
लिट्टी चोखा बेचकर कमाए और कुछ पैसे जमा किए और उसी जमा किए हुए पैसे से एक कैसेट निकाले जो कि फ्लॉप हो गया, कही कही छोटा मोटा प्रोग्राम भी कर लेते थे जिसमे इनको 1000या 1500 रूपे मिल जाता था।
जब खेसारी लाल यादव ने लोक गीत गाना सुरू किया तब
इनकी पहली कमाई 600 रूपे थी।
खेसारी लाल यादव भैश भी चराते थे और उसका ढूध भी बेचने जाते थे।
ओर इनके पिता जी चना बेचने का काम करते थे। और
बारिश में खेसारी लाल यादव का घर भी गिर गाया था ।
रहने की भी जगह नहीं थी। तो पड़ोसी का ईट का पक्का घर था, उसी घर में खेसारी लाल यादव का जन्म हुआ था।
ऐसा इनकी माता जी बताती हैं। जिन्दगी मे कुछ पल कुछ समय ऐसे भी होते है जो बहुत दर्द नाक होते है।
ऐसे माता पिता सबको मिले जो कि इतना मुसीबतों का सामना करके अपने बच्चो को कामयाब बनाते है।
खेसारी लाल यादव 3 भाई है और इनके चाचा के 4 लड़के है इन सबको खेसारी लाल यादव की माता जी ने पाला है इसलिए खेसारी सबको 7 भाई बताते है।
Khesari Lal Yadav खेसारी लाल यादव के पिता जी दिन मे चना बेचते थे और रात में गार्ड का काम करते थे। खेसारी लाल यादव के हुनर को देखकर इनके पिता जी इनको चना बेचने के पैसे से कैसेट बनाने को पैसे देते थे।

Khesari lal yadav अपनी शादी के बाद अपने माता पिता और अपनी पत्नी के साथ ओखला दिल्ली मे रहने लगे।
उसी दौरान खेसारी लाल यादव लिट्टी चोखा का काम शुरू किया दोनो मिया बीवी मिलकर अपने काम को संभालने लगे। फिर कुछ पैसे इकट्ठा करके लगभग 25000 रूपे
लगा कर एक कैसेट निकाले वह कैसेट थोड़ा बहुत बजा।
फिर कम्पनी प्रोजेक्ट होने लगी उसके बाद उनके कैसेट पर कम्पनी पैसे लगाने लगी। फिर खेसारी लाल यादव के पैसे नही लगते थे कम्पनी पैसा लगाती थी।
इसी प्रकार कैसेट गाते रहे और फिर एक टाईम ऐसा आया कि रातो रात खेसारी लाल यादव की पहचान बन गई।
जब इनकी कैसेट हिट होने लगी तब इन्होंने लिट्टी चोखा का काम छोड़ कर अपना पूरा ध्यान अपने संगीत पर देने लगे इनके परिवार के लोगो ने भी इनका बहुत साथ दिया।
धीरे धीरे जब पैसे कमाने लगे तब इन्होंने अपने परिवार के लोगो को भी दुकान चलना बंद करा दिया और पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लिए।
खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा की कहानी

एक सच्ची जीवन साथी
चंदा जी ने खेसारी लाल यादव का बहुत साथ दिया है।
चंदा जी का दुख और संघर्ष वाली जिंदगी खेसारी लाल यादव कभी नहीं भूल सकते।
जब खेसारी लाल यादव की सादी उनके गांव में गरीबी के दिनो हुई थी। खेसारी लाल यादव के पास घर का खर्च चलाने के लिए भी पैसे नही थे।
फिर कुछ समय बाद खेसारी लाल यादव दिल्ली चले आए और अपने साथ अपनी पत्नी चंदा को भी ले आए।
खेसारी लाल यादव ने ओखला मे संजय कॉलोनी मे रहने लगे उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक ठेली पर लिट्टी चोखा की दुकान लगाई। लेकिन उनकी गरीबी उनसे चिपकी रही।
खेसारी लाल यादव ने एक इंटरव्यू में कहा की उनके पास इतने पैसे भी नहीं होते थे की वो अपनी पत्नी चंदा के लिए एक साड़ी भी खरीद सके।
Khesari lal yadav ने बताया कि उनकी पत्नी इक ही साड़ी को 6 महीने तक पहन कर गुजारा करती थी।
खेसारी लाल यादव का कहना है कि उनकी पत्नी लिट्टी में सत्तू भरती दी और वह सेकते थे।
उनकी पत्नी चंदा की साड़ी का ऐसा कोई भी कोना नहीं बचा था जहा छेद ना हुआ हो। खेसारी लाल यादव अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपनी पत्नी को देते हैं।
खेसारी लाल यादव कहते है की उनकी पत्नी ने उनके साथ उस गरीबी की तकलीफ़ को मेहसूस किया है और उनकी मेहनत और लगन से ज्यादा कुर्बानी उनकी पत्नी ने दी है।
हर आदमी को ऐसी ही पत्नी मिले।
आप को मालूम होगा कि खेसारी लाल यादव ने लिट्टी चोखा बेचने का 1 साल से ज्यादा काम किया था।

खेसारी लाल यादव का भोजपुरी सिनेमा मे एंट्री
खेसारी लाल यादव ने साल 2012 मे साजन चले ससुराल से भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी।
इसके बाद वह करीब 40 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं।
हाल ही में आई फिल्म बाप जी और चोरी चोरी चुपके चुपके ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा कमाई की है।
खेसारी लाल यादव की जन्म भूमी
Khesari lal yadav खेसारी लाल यादव का जन्म 15 मार्च 1986 छपरा बिहार में हुआ था। और 2024 के हिसाब से इनकी उम्र 38 साल है।
इन्होंने अपनी स्कूलिंग अपने होम टाऊन छपरा बिहार से किया खेसारी लाल यादव की घर की इस्थिति ठीक ना होने के वजह से ये सिर्फ 10वी तक ही पढ़ाई कर पाए थे।
इनका पहला एलबम का नाम था (माल भेटाई मेला में)
और पहली फ़िल्म साजन चले ससुराल
खेसारी लाल यादव की फैमिली के नाम
सबसे पहले इनके माता जी का नाम है, लक्ष्मी देवी जी।
इनके पिता जी का नाम है, मंगरू यादव जी।
इनके पत्नी का नाम है, चंदा देवी जी।
इनके बेटी का नाम है, कृति यादव
इनके बेटे का नाम है, रिशव यादव
इनका फ्लैट है मुंबई बांद्रा में
कुल फिल्में 72
कुल गाने 5000
व्यवसाय, अभिनेता और गायक
धर्म, हिंदू धर्म
रासी, कर्क राशी
दोस्तो आपको मालूम होगा कि खेसारी लाल यादव भोजपुरी का वो सितारा जिसने अपने नाम को कमाने के लिए सब कुछ लगा दिया इनकी कहानी ऐसी है कि इनके ऊपर एक फ़िल्म बन सकती हैं।
खेसारी जी ने शुरुआत का मंजर बहुत बुरा देखा था।
किसी के लिए इतना इस्ट्रगल कर पाना सोच से परे होता है
इनकी कामयाबी के किस्से के हिस्से बहुत है|