Sujit Munda जी हा बिना देखे खेलते हैं क्रिकेट सुजीत मुंडा
तीन बार टी20 वर्ल्ड कप जीत चुके है सुजीत मुंडा
हमारे देश मे क्रिकेट को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है। जब भी पुरुष या महिला क्रिकेट टीम टेस्ट सीरीज या फिर कोई भी बड़ी सीरीज जीत कर लाते है तो मिडिया में खबरे अणे लगती हैं । लोगो में भी काफ़ी क्रेज होता है देखने का।
लेकिन अभी हाल ही मे 17 दिसंबर को देश की ब्लाइंड क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप जीत कर लौटी और उसको लेकर ना ही कोई खबरें मिली और ना ही कही लोगो में उतना क्रेज दिखा।
Sujit Munda इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर प्लेयर है।
इनका सलेक्शन 2018 मे हुआ था लेकिन उस टाईम covid की वजह से मैच पोस्पोन हो गया था।
उस समय वर्ल्ड कप की तैयारी कर रहे थे सुजीत मुंडा।
लोकल टूर्नामेंट भी खेलते थे जिससे इनका घर का खर्च चल जाता था और ब्लाइंड पेंशन भी मिल जाता था 1000 रूपे तक।
कुछ समय बाद इनको मौका मिला इंडिया टीम की तरफ से खेलने का उसमे सुजीत मुंडा गए थे खेलने के लिए USA और वहा से भी 2 गोल्ड मेडल जीत कर लाए इंडिया के लिए।
Sujit Munda को लगा की वर्ल्ड कप जीतने के बाद इनकी परिवार की इस्थिती सुधर जायेगी।
सरकार की तरफ़ से आश्वासन मिला की इनकी मदद की जाएगी परंतु कोई भी लाभ नही मिला।
Sujit Munda क्यों है सरकार से नाराज़

Sujit Munda सुजीत मुंडा एक बहुत ही गरीब परिवार से है।
इनके पिता जी दिहाड़ी मजदूरी किया करते थे ये चार भाई है। इनके भाई सब भी दिहाड़ी मजदूरी करते है।
Sujit Munda जब ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए जाने वाले थे तो उन्होंने हीमेन सुरेन झारखंड के मुखमंत्री से मुलाकात की और खेल मंत्री से मुलाकात की और सुजीत मुंडा ने वादा किया कि वर्ल्ड कप जीत कर लौटेंगे।
बदले में उन्होंने मुखमंत्री और खेल मंत्री से भी एक वादा लिया की वो चाहते थे की इनके बच्चो को भी एक अच्छी शिक्षा मिले और बच्चो का एडमिशन एक बेहतर स्कूल में किया जाए।
इन्हें रहने के लिए भी एक अच्छी जगह मिल सके।
और स्पोर्ट कोटे में सरकारी नौकरी मिल सके।
Sujit Munda रांची के एक कमरे के घर में बहुत दैनीय स्थिति में रहते हैं।
सरकार ने इनसे वादा किया था कि हमसे जो जोभी होगा हम सब कुछ करेगें आवास भी देंगे और स्पोर्ट कोटे से नौकरी भी देंगे। और जब वर्ल्ड कप जीत कर आए तो फिर इन दोनो मंत्रियों से मुलाकात नहीं हुई। या फिर यू समझिए कि मिलने नही दिया गया।

Sujit Munda ने वर्ल्ड कप जीतने का अपना वादा पूरा किया और देश का नाम रौशन किया।
लेकिन सरकार या सरकार का कोई भी व्यक्ति उनसे मिलने नही आया।
सरकार ने जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरे नही हुए।
सुजीत का कहना है कि उन बातों पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। और जब वो वर्ल्ड कप जीत कर आए तो किसी ने उनसे बात भी नहीं की।
क्रिकेटर को जो डाइट मिलनी चाहिए वो भी इन्हे नही मिल पाती। अगर सरकार खिलाड़ियों की मदद करेगी तभी तो जूनियर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और वो भी देश का नाम रोशन करना चाहेंगे।
झारखंड सरकार ने भले ही सुजीत मुंडा की मदद ना की हो लेकिन इससे उनका मनोबल टूटा नहीं है।
सुजीत मुंडा कहते है कि वो आगे भी देश के लिए खेलते रहेंगे और देश का नाम रोशन करने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे।
ये खिलाड़ी विश्व में पहचान दिलाने के लिए खेलता है जो खुद देख नही सकता वो पूरी दुनिया को भारत की शक्ति दिखाने की कोशिश करता है। इस बार विश्व कप खेलने गए थे तो जीत कर आए थे इन्होंने अपना जीत का परचम तो लहरा दिया तिरंगे की शान को ऊंचा करके आए लेकिन परिवार किस हालात मे है ये देखने वाला कोई नहीं।
Sujit Munda सुजीत मुंडा के घर से ज्यादा नही मात्र 4 किलो मीटर की दूरी पर महेंद्र सिंह धोनी का घर है ।
कहा जाता हैं कि महेंद्र सिंह धोनी भी वर्ल्ड कप लाए और सुजीत मुंडा भी वर्ल्ड कप लाए लेकिन फर्क ये है की सुजीत मुंडा आंखो से देख नही सकते और महेंद्र सिंह धोनी आंखो से देख सकते है। इसलिए लोग इन्हे इतना मानते हैं चाहते है। सुजीत मुंडा भी वर्ल्ड कप जीत कर आए हैं लेकिन इनको कोई पूछता नही है और कोई कंपनी भी नहीं पूछती हैं। यही बात करे तो महेंद्र सिंह धोनी के घर में लाखो करोड़ों का गेट लगा हुआ है और सुजीत मुंडा के घर में छत भी नहीं है बारिश में पानी चूता है और घर में पानी भी भर जाता है।
भारत विश्व गुरु बन रहा है लेकिन पता नहीं कौन से फिल्ड मे बन रहा है कम से कम गेम वाले फिल्ड में तो नहीं बन रहा होगा अगर बन रहा होता तो खिलाड़ियों की स्थिती ये ना होती।
बिना देखे सुजीत मुंडा कैसे खेलते हैं क्रिकेट

पाकिस्तान सहित 6 देशों मे दिखा चुके हैं अपना जलवा
आज हम बताएंगे आपको की सुजीत मुंडा बिना देखे बुमरा से भी तेज़ गेंद डालते है और बैटिंग भी करते है।
लोगो की जिज्ञासा थी की सुजीत मुंडा देख नही सकते है तो बॉलिंग और बैटिंग कैसे करते है।
ब्लाइंड क्रिकेट में अंडर राउंड बॉलिंग किया जाता है।
और इसमें रुल्स है कि अगर एक बाउंस में बॉल जाती है तो वो नो बॉल हो जाती हैं।
ब्लाइंड क्रिकेट मे भी सफ़ेद बॉल होता है और उसमे से झन झनाहट की आवाज आती हैं।
उस बॉल के अंदर साईकिल का जो छर्रा होता है वही डाला जाता है जिसकी वजह से आवाज करता है। और इसी आवाज के आधार पर ये बॉल को पकड़ते हैं।
बॉलिंग करते समय बॉलर बैट्समैन से पूछता है रेडी तो बैट्समैन बोलता है येस रेडी फिर बॉलर बॉल फेंकते हैं।
और बैट्समैन बॉल की आवाज़ को सुनकर सौट लगाते हैं।
सुजीत मुंडा ने इसी तरह 89 रन बनाए और नॉट अलाउड भी रहे, वो भी बांग्लादेश में जाकर और मैन ऑफ द मैच भी मिला। इनको पाकिस्तान के खिलाफ़ भी खेलने का मौका मिला और वहा भी लगभग 9 बॉल खेलकर 22 रन बनाकर नाबाद रहे।
और जब दुबई क्रिकेट खेलने गए तो वहा उन्होंने ने सबसे अधिक विकेट लिए 9 विकेट ।
Sujit Munda अमेरिका भी गए हैं, दुबई भी गए हैं और
बांग्लादेश भी गए हैं खेलने के लिए। और USA और साउथ अफ्रीका भी गए हैं।
हम सब भारतीय चाहते हैं कि भारत सरकार सुजीत मुंडा की मदद करे और वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराए जो कि बाकी फिल्ड के खिलाड़ियों को मिलता है
सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह भी चाहते है की मान जाये सरकार ताकि बदल सके सुजीत मुंडा जैसे खिलाडियों की तकदीर |