आखिर ऐसा क्या हुआ जो आतिफ असलम जैसे टैलेंटेड सिंगर को बॉलीवुड से बाहर कर दिया गया और इनके नए गानो की सेल रोक कर म्यूजिक कम्पनी ने इनका साथ छोड़ दिया।
क्या वज़ह रही की इस सिंगर के साथ म्यूजिक कम्पनीओ ने काम करने से मना कर दिया था। एकबार फिर वही लोग उसके स्वागत मे पलके बिछाए बैठे थे और आखिर ऐसा क्या हुआ कि अपने ही देश के इंदीपेंडेंस डे सेलिब्रेशन के दिन इनके गाए गाने ने पूरी पाकिस्तानी आवाम को इनका दुश्मन बना दिया।
आतिफ असलम ने देश विदेश में कई गाने गाए अपनी सुरीली आवाज़ को सुनने वालो को अपना दीवाना बना लिया था, इस स्पेशलआर्टिकल में हम आतिफ असलम के सक्सेस फुल होने, फिर कंट्रोवर्सी का शिकार हो कर, बॉलीवुड से बाहर किए जाने, और इनके रिसेंट कमबैक के बारे मे जानेंगे।
आतिफ असलम कौन है
Atif Aslam का जन्म 12 मार्च 1983 वज़ीराबाद पाकिस्तान मे एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ था।
इनके पिता का नाम मो. असलम और माँ का नाम रेहाना शाहीन है। इनकी स्कूलिंग लाहौर रावलपिंडी में हुईं और ग्रेजुऐट इन्होंने कम्प्यूटर साइंस लाहौर के ही पंजाब इंस्टीट्यूट से किया। आतिफ असलम जब अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे तब वो क्रिकेट भी खेलते थे और तब संगीत से इनका कोई नाता नहीं था।

इनका सपना था कि ये पाकिस्तान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले और तेज गेंद बाज बने और इतना ही नहीं इन्हें एक पेस बौलर के रूप मे पाकिस्तान के अंडर 19 क्रिकेट टीम के लिए चुन भी लिया गया था लेकिन इनके क्रिकेट का सफ़र इससे आगे नही जा पाया। आतिफ असलम को नुसरत फ़तेह अली ख़ान और अबीदा परवीन के गाने बहुत पसंद थे हालाकि क्रिकेट इनका पहला प्यार रहा।
आतिफ असलम ने गाना कैसे शुरू किया
एक बार आतिफ ने अपने दोस्तो को गाते हुए देखा तब इनका झुकाव भी म्यूजिक की ओर होने लगा। आतिफ असलम संगीतकार गौहर मुमताज़ से मिले और इसके बाद आतिफ एक रेस्टोरेंट में गाने लगे जहां खाने आए लोग इनकी आवाज़ को खूब पसंद करने लगे।

लोकप्रियता बढ़ती देख आतिफ और गौहर मुमताज़ ने मिल के एक बैंड सुरू किया, फिर इस बैंड के अंतर्गत दिसंबर 2003 में
जल (JAL) नाम से एक एलबम निकाला, इस एल्बम के गाने कुछ ही समय में पाकिस्तान मे वायरल हो गए और आतिफ असलम नए म्यूजिक सेंसेशन बन गए। एक और एल्बम के बाद गौहर मुमताज़ से मनमोटाव की वज़ह से वे बैंड से अलग हो गए।
फिर साल 2004 में आतिफ ने अपना एक एलबम निकाला जलपरी (Jalpari) नाम से और जल के तरह ही जलपरी भी हिट हो गया। आतिफ असलम ने जलपरी के लिए साल 2005 में बेस्ट एल्बम लक्स स्टाईल अवॉर्ड भी अपने नाम किया।
आतिफ असलम म्यूजिक इंडस्ट्री मै कैसे आये

साल 2005 मे ही आतिफ असलम को बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला। जब फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट ने अपनी फिल्म ज़हर के गानों के लिए आतिफ असलम को इनविटेशन भेजा। आतिफ असलम का करियर ज़हर मूवी ने बना दिया। ज़हर के लिए आतिफ ने वो लम्हे गाना गाया जिसने इनकी किस्मत बदल दी। इसी साल इन्होंने फ़िल्म कलयुग के लिए आदत (Aadat) गाना गाया जिसने धीरे धीरे उनके फैन्स के ज़ुबान पे चढ़ गया।
पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम के गाने भारत में बहुत पसंद किए जाते थे. लेकिन भारत में पाकिस्तानी आर्टिस्ट्स पर लगे बैन के बाद उन्होंने बॉलीवुड में गाना band kar diya
बॉलीवुड में उन्हें ब्रेक देने का श्रेय महेश भट्ट को जाता है। उनके प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म जहर के लिए आतिफ ने पहली बार हिंदी फिल्मों में प्लेबैक दिया। उनका गाना वो लम्हें लोगों को इतना पसंद आया कि इसे चार्टबस्टर घोषित कर दिया गया। इसके बाद बॉलीवुड में उन्होंने कई बड़े स्टार्स के लिए अपनी आवाज दी। ‘बेइंतहा’, ‘पहली नजर में’, ‘तू जाने ना’, ‘तेरे संग यारा’, ‘जीना जीना’, ‘जीने लगा हूं’ उनके बेहतरीन गानों में से एक हैं।
आतिफ असलम का करियर

साल 2006 में आतिफ असलम ने जलपरी के बाद अपना अगला एल्बम दूरी (Doorie) रिलीज़ किया जिसमे 18 गाने थे। साल 2009 में “अजब प्रेम की गज़ब कहानी” और 2010 में “प्रिंस” मूवी में गाए हुए गाने सभी लोगों की जुबान पर चढ़ गए। फ़िल्म “फटा पोस्टर निकला हीरो” के गाने “मैं रंग शरबतों का तू नीले घाट का पानी” इसके लिए इन्हें वर्ल्ड म्यूजिक अवॉर्ड्स के खिताब से भी नवाजा गया। इसके बाद साल 2014 में फिल्म एंटरटेनमेंट और 2015 में फ़िल्म बजरंगीं भाईजान में गाए गाने भी काफी हिट हुए।
आतिफ असलम इस वजह से हुए बेन
अपनी जादुई आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले असलम असलम की गिनती ऐसे कलाकारों में होती है, जिनकी फैन फॉलोइंग उनके देश के अलावा भारत में भी बहुत ज्यादा है। उनका जन्म पाकिस्तान के वजीराबाद में एक पंजाबी मुस्लिम परिवार में साल 1983 में हुआ था। आतिफ ने अपने करियर में कई ऐसे सुपरहिट गाने दिए हैं, जिन्हें आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। हालांकि, उन्हें यह सफलता रातों रात नहीं मिली, इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है। आज उनके जन्मदिन पर आइए आपको सिंगर से जुड़ीं कुछ खास बातें बताते हैं।
आतिफ ने अपनी शुरुआती शिक्षा लाहौर के किम्बर्ली हाई स्कूल से हासिल की है। 14 साल की उम्र में उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने रावलपिंडी से की। बताया जाता है कि पढ़ाई के दौरान सिंगर की रुचि क्रिकेट में ज्यादा थी, लेकिन वक्त गुजरने के साथ-साथ उनकी दिलचस्पी संगीत की तरफ धीरे-धीरे बढ़ने लगी। बाद में, उन्होंने अपने दोस्तों के साथ एक बैंड की शुरुआत की।
बॉलीवुड में उन्हें ब्रेक देने का श्रेय महेश भट्ट को जाता है। उनके प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म जहर के लिए आतिफ ने पहली बार हिंदी फिल्मों में प्लेबैक दिया। उनका गाना वो लम्हें लोगों को इतना पसंद आया कि इसे चार्टबस्टर घोषित कर दिया गया। इसके बाद बॉलीवुड में उन्होंने कई बड़े स्टार्स के लिए अपनी आवाज दी। ‘बेइंतहा’, ‘पहली नजर में’, ‘तू जाने ना’, ‘तेरे संग यारा’, ‘जीना जीना’, ‘जीने लगा हूं’ उनके बेहतरीन गानों में से एक हैं।
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