Abhimanyu Easwaran का 4 शतक फिर भी टीम इंडिया से बाहर

बात है ईरानी ट्रॉफी की एक पारी में ही 191 रन बनाने वाले Abhimanyu Easwaran के साथ भी हो रहा है जब भी किसी ऐसे क्रिकेटर की बात होती है जो डोमेस्टिक क्रिकेट में धूम मचा रहा लेकिन नेशनल कॉल ऑफ का इंतजार लंबा हो जाए तो इस वायरस में अभिमन्यु इस्वरण का नाम सबसे पहले आता है|

आज की कहानी उस खिलाड़ी के नाम है जो अमोल मजूमदार 2.0 बनने की कगार पर आ खाड़ा है आज कहानी Abhimanyu Easwaran की एक ऐसा खिलाड़ी जिसने अपनी डोमेस्टिक परफॉर्मेंस से क्रिकेट जगत में एक अलग पहचान बनाई पर नेशनल स्क्वाड में परमानेंट जगह के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं|

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डोमेस्टिक क्रिकेट में आग उगल रहा अभिमन्यु बल्ला

Abhimanyu Easwaran जन्म 6 सितंबर 1995 को देहरादून में हुआ था लेकिन उनकी जड़े  तमिलनाडु से जुड़ी हुई है उनकी क्रिकेटिंग जर्नी सिर्फ उनका सपना नहीं था कि उनके पिता का भी सपना था अभिमन्यु के पिता रंगनाथेश्वर एक CA है उन्होंने कई साल पहले पुरखु गांव में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमीकी स्थापना की थी इस और इस एकेडमी Abhimanyu Easwaran ने भी क्रिकेट की एबीसीडी सीखी|

इसके बाद वो बंगाल आए थे उनके पिता ने कहा था कि मेरे लिए स्टेडियम कोई उपलब्धि नहीं है हालांकि यहां अच्छा लगता है लेकिन असल उपलब्धि तभी होगी जब मेरा बेटा भारत के लिए साउथ टेस्ट खेल सकेगा डोमेस्टिक क्रिकेट की दुनिया में अभिमन्यु का नाम एक मझे हुए बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है|

2013 में  Abhimanyu Easwaran का डेब्यू बंगाल के लिए हुआ और धीरे-धीरे उन्होंने भी पहचान बनानी शुरू की खास करके 2018-19 की रणजी ट्रॉफी सीजन उनके लिए ब्रेकथ्रू साबित हुआ इस सीजन उन्होंने 861 बनाए और बंगाल को फाइनल तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई उनकी बैटिंग स्टाइल को देखकर के अक्सर लोग उन्हें टेक्निकल साउंड प्लेयर कहते हैं और उनकी टेम्परामेंट भी एकदम सॉलिड है ये बात सभी उन सभी यंग प्लेयर्स के लिए एक बड़ी सीख जो सिर्फ एग्रेसिव क्रिकेट पर फोकस करते हैं|

उनके आंकड़ों की काबिलियत की बखूबी गवाही देते जा रहा है पिछले 6 फर्स्ट क्लास माचो में उन्होंने 3 शतक एक दोहरा शतक और दो अर्धशतक बनाए हैं अभी तक कुल 98 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके अभिमन्यु 167 पारी में 49 की बेहतरीन औसत से 7506 रन बना चुके हैं जिसमें कुल 26 शतक और 29 अर्धशतक शामिल है इसके अलावा  लिस्टA में भी 88 माचो में 47 की औसत से उनके नाम कुल 3847 रन 82 के स्ट्राइक रेट के साथ जिसमें 9 शतक और 23 अर्धशतक शामिल है|

33 T20 पारियों में 128 का स्ट्राइक रेट

अगर आपको लग रहा हो कि आजकल ऑल फॉर्मेट प्लेयर के डिमांड ज्यादा है तो जरा ठहरी और यहां आंकड़े देखिए 33 T20 पारियों में 128 के स्ट्राइक रेट और 37 के शानदार औसत से 976 रन यह भी अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran के ही आंकड़े है अब आप ही बताइए और इससे ज्यादा क्या करें कि बीसीसीआई को उनकी याद आए|

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अब ऐसा नहीं है कि वही एकमात्र ऑप्शन है उनका सीधा मुकाबला एक और बंदे के साथ नाम है ऋतुराज गायकवाड लेकिन गायकवाड से टेस्ट मैच में उनका कोई मुकाबला नहीं यहां अभिमन्यु उनसे आगे अब किसकी जगह लेंगे यह देखने वाली बात होगी क्योंकि 2021 के WTC फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए उनको स्टैंडबाई पर रखा गया था रोहित के जारी के चलते बाहर होने की वजह से अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran को 2022 के बांग्लादेश दौरे पर भी टीम के साथ रखा गया था

लेकिन मौका नहीं मिला अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran ने डोमेस्टिक क्रिकेट में खुद को बार-बार साबित किया है इतना की 2019 में इंडिया की टीम में शामिल किया गया उन्होंने साउथ अफ्रीका ए श्रीलंकाA और वेस्टइंडीज के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया फिर भी टीम इंडिया के मैच स्क्वाड में जगह मिलना एक चैलेंज बना रहा स्टैंडबाई में ही रखा जाना दर्शाता है सिलेक्टर्स की नजर में वो है|

पर मेन टीम में जगह ना मिल पाना हमेशा से Abhimanyu Easwaran के लिए फ्रस्टेशन का  

कारण है हर सवाल यह है कि BGT में बैकअप ओपनर कौन होगा आंकड़ों की बात करें तो इस साल डोमेस्टिक में गायकवाड़ ने सात पारियों में 34 की औसत से 241 रन ही बनाएं जबकि अभिमन्यु की बात हम कर चुके हैं|

ऋतुराज गायकवाड़ और अभिमन्यु में छिड़ी जंग

तो ऐसे में अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran का ही पलड़ा भारी लग रहा है आप लोग देख चुके हैं कि अभिमन्यु ने कितने मैच में कितने रन बनाए 98 मैच और 7506 और वही गायकवाड़ ने 32 मैच में 2282 रन इनकी औसत है 42 जबकि Abhimanyu Easwaran अभिमन्यु की है 49 कि ऐसा लगता है की Abhimanyu Easwaran ही ऑस्ट्रेलिया की फ्लाईट पकड़ने वाले है|

हालांकि टीम में रोहित गिल और जयसवाल है लेकिन तभी बीसीसीआई को बैकअप ओपनर रखना ही पड़ेगा ठीक है रोहित को संभवता के लिए अगले साल WTC फाइनल के बाद रिटायर हो जाना है ऐसे में गिल तो ऊपर नहीं आएंगे क्योंकि एक बैठी बिठाई थर्ड पोजिशन को कौन बिगड़ना चाहेगा तो जायसवाल के साथ ओपन करने के लिए फिलहाल दो ही नाम आ रहा है एक गायकवाड और दूसरा अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran

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चलिए कुछ और पहलुओं पर नजर डाल की क्यों अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran को इस बार ऋतुराज से ऊपर रखा जाना चाहिए पहले तो यही है कि अभिमन्यु का डोमेस्टिक सीजन अभी तक जबरदस्त गया है खास करके इस बार की दिलीप ट्रॉफी की पांच पारियों में उनके बल्ले से 77.25 की बढ़िया औसत से 309 रन निकले हैं|

और वो भी दो शतक के साथ 2024 के रणजी सीजन में उनकी औसत 168.50 की रही है और बात करे गायकवाड़ की तो दिलीप ट्रॉफी में वो कुछ खाश नही कर पाए 3 मैच के छह पारियों में केवल 38 की औसत से उन्होंने 232 रन बनाए केवल दो अर्धशतक के साथ दिलीप ट्रॉफी को इस बार जोनल मोड़ से हटा करके एबीसीडी मोड में किया हुआ था कि BGT के लिए टेस्टिंग की जा सके इस हिसाब से यहां तो फिर अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran गायकवाड की जगह ऑस्ट्रेलिया जा सकते है|

इंडिया टीम सिलेक्टर्स की अब तक नही पहुची नज़र

 गायकवाड़ की कमजोरी जाहिर है आईपीएल से लेकर के दिलीप ट्रॉफी तक हाल ही में खत्म हुई ईरानी ट्रॉफी में डेबिट एंड मोहम्मद जुनैद खान ने उनको इसी सेटअप के साथ आउट किया था इसके अलावा जिम्बाबे के गेंदबाज मुद्रबानी ने भी उनकी हालत खराब कर दी थी तीसरी और जो सबसे बड़ी वजह है अभिमन्यु  Abhimanyu Easwaran को गायकवाड़ के ऊपर मान्यता देने की वो ये है की अभिमन्यु को इंडिया A से खेलते हुए बाहर के देशो में खेलने का अनुभव है|

जुलाई 2023 तक उनकी औशत 47 कि वह भी 34 गेम खेल करके जिन में छह शतक शामिल है अब क्रिकेट सिर्फ फिजिकल गेम नहीं है मेंटल गेम भी है अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran ने इस चीज को भी समझा और शायद इसलिए उनका धैर्य और मेंटल टफनेस इतना मजबूत है रेगुलर प्रदर्शन के बावजूद जब नेशनल कॉल ऑफ नहीं आता तो कोई बात प्लेयर्स टूट जाते हैं पर अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran ने हर बार मजबूत होकर के कमबैक किया|

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उनके इस मेंटल टफनेस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2023 के रणजी ट्रॉफी में उन्होंने लगातार अच्छे प्रदर्शन जारी रखा मानो यह दिखाने के लिए जो अभी भी तैयार है और किसी भी लेवल पर खेलने के काबिल है जब एक बंदा लगातार डॉमेस्टिक सर्किट में अच्छा परफॉर्म करता है और फिर भी नेशनल स्क्वाड से दूर रहता है तो साइंस का तैयारी टूटने लगता है|

सोशल मीडिया पर कई बार फाइनेंस बीसीसीआई और सिलेक्टर्स को क्रिटिसाइज किया कि अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran जैसे टैलेंटेड खिलाड़ी को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है एक तरफ उनकी  तारीफ होती है कि वह एक परफेक्ट टेस्ट क्रिकेटर हो सकते हैं दूसरी तरफ कुछ एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं की बैटिंग स्टाइल मॉडर्न डे क्रिकेट में फिट नहीं होती है|

अभिमन्यु ने लगाए बेक टू बेक 4 शतक

जो की एक फालतू की बात लगती अरे भाई उसको मौका तो दो लेकिन एक बात साफ अभिमन्यु का क्लास परमानेंट उनके टैलेंट नाकारण योज्ञ तो नहीं चाहे आलोचक कुछ भी कहे तो नंबर शोकंसिस्टेंसी उन्होंने डॉमेस्टिक सर्किट में दिखाइए उसे सिलेक्टर्स के लिए उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल बना देता है अब यहां पर एक बड़ा सवाल ये है की अगर Abhimanyu Easwaran इतने बढ़िया खिलाडी है तो टीम इंडिया में क्यों जगह नहीं मिल रही है|

और इसका जवाब शायद भारत की बैटिंग लाइनअप की डेथ में छिपा हुआ है विराट कोहली रोहित शर्मा शुभ मन गिल जैसे खिलाड़ियों से भरी बैटिंग लाइनअप में जगह बनाना आसान नहीं है बीच में जब पुजार और रहने की छुट्टी हुई थी तो उसे वक्त अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran का टीम में आना मायने रखता था और वही बैट्समैन जो ओपनर रहा वो नंबर तीन पर भी खेल लेता है|

लेकिन बीसीसीआई ने अफरा तफरी करते हुए गिल को नंबर तीन कर दिया अब वहां पर सेट हो चुके हैं इसलिए अब अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran के लिए या तो ओपनर या फिर नंबर चार पर ही जगह बनती दिख रही हालांकि सिलेक्टर्स भी शायद इस बात को समझते हैं कि अभिमन्यु के लिए अभी सही समय नहीं आया है या फिर उन्हें लगता है क्योंकि बैटिंग स्टाइल आज के एग्रेसिव फॉर्मेट में थोड़ी धीमी हो सकती है|

इसके अलावा भारतीय टीम का चयन काफी हद तक परफॉर्मेंस और कंसिस्टेंसी पर आधारित होता है लेकिन कई बार घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को नजरअंदाज कर दिया जाता है ऐसा लगता है कि चैन कर्ताओ की प्राथमिकता उन खिलाड़ियों पर ज्यादा रहती है जो आईपीएल या फिर इंटरनेशनल स्टेज पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके होते हैं अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran ने जितना भी शानदार प्रदर्शन किया लेकिन की सबसे बड़ी कमी है|

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की वो आईपीएल में उस तरह का प्रभाव नहीं छोड़ पाए क्रिकेट में फार्म का बहुत महत्व है जिसमें टीम में जगह खाली होती हैइस समय खिलाड़ी को अपनी फॉर्म साबित करनी होती है अगर उसने किसी खिलाड़ी की फॉर्म में गिरावट आ जाए तो उसका सिलेक्शन और भी मुश्किल हो जाता है Abhimanyu Easwaran ऐसा ही होता दिख रहा है|

अभिमन्यु नही चल पाते है आईपीएल में

Abhimanyu Easwaran भले ही एक बेहतरीन बल्लेबाज़ है लेकिन जब टीम में ओपनिंग स्लोट खाली हुआ उस समय उनके घरेलू प्रदर्शन में उतार चढ़ाव देखने को मिला आईपीएल एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जहां से कई खिलाड़ियों को सीधे भारतीय टीम में एंट्री मिलती है जैसे गिल पृथ्वी शो और रिषभ पन्त जैसे खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर खुद को साबित किया लेकिन अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran का नाम आईपीएल में उतना चर्चित नहीं रहा है|

जितना उनके घरेलू क्रिकेट मे रहा है इसी कमी के चलते उन्हें पोपुलैरिटी और पहचान नहीं मिली जो की टीम सिलेक्शन में मददगार साबित हो सकती थी फ्यूचर को लेकर के फैंस के बीच हमेशा एक उम्मीद रहती थी जिस तरह से उन्होंने कंसिस्टेंसी दिखाइए वह इतना एक दिन इंडियन टीम के लिए जरूर खेलेंगे उनका पेशेंस और डिटरमिनेशन उन सभी उन प्लेयर्स के लिए एक उदाहरण है जो जल्दी हार मान लेते हैं|

वह एक परफेक्ट एग्जांपल है की कैसे सिर्फ टैलेंट नहीं बल्कि मेंटल स्ट्रैंथ भी चाहिए होता है एक लंबे करियर के लिए शायद उनका समय जल्दी आएगा नेशनल कलर्स में खेलेंगे तो दिन उनके उनके फैंस के लिए बहुत खास होगा तो अभी अभिमन्यु Abhimanyu Easwaran की जर्नी खत्म नहीं हुई है अभी एक शुरुआत है ऐसी शुरुआत जो माईक हंसी के साथ मिस्बहुल्ल्हक के साथ उनके फैंस अभी भी उम्मीद लगाए बैठे हैं|

Abhimanyu Easwaran एक दिन बड़े प्लेटफार्म पर चमकेंगे हम सभी उसे दिन का इंतजार कर रहे हैं जब Abhimanyu Easwaran भारतीय टीम के लिए मैदान पर उतरेंगे अपने छाप छोड़ेंगे|

Riyajuddin Ansari
Riyajuddin Ansari
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