Gavin Packard, 1990 के दशक की हिंदी फिल्मों में अक्सर नजर आने वाले गोरे विलन को आप भूल तो नहीं होंगे, किरदार हमेशा नेगेटिव रहते कभी फाइटर बनकर आता तो कभी विलन का खास आदमी|
साइड विलन होते हुए भी जिसकी पर्सनालिटी बड़े-बड़े हीरो पर भारी पड़ जाती नाम था Gavin Packard, 1990 के बॉलीवुड का मशहूर बॉडीबिल्डर गुंडा मगर क्या आप इस अदाकार के अंत से वाकिफ है| कैसे बॉलीवुड वाले ही उसकी भयानक मौत की वजह बन गए|
चलिए जानते है क्या है सच,आज हम आपको पूरा सच बताने जा रहे हैं| जिससे बहुत से लोग आज भी अनजान है| बॉलीवुड में कम ही अभिनेता ऐसे हुए जो नेगेटिव रोल करते थे लेकिन हीरो की पर्सनालिटी पर भारी पड़ जाया करते थे|
स्टेट से लेकर नेशनल लेवल पर खूब अवार्ड जीते

1990 के दौर में विलेन Gavin Packard भी उनमें से ही एक थे, गोरा चिट्टा रंग देखने में विदेशी लगता असल में वह विदेशी मूल के ही थे| उनके दादा जॉन पैकर्ड डायरीज अमेरिकन मूल के थे| वह US आर्मी के सदस्य हुआ करते थे|
एक बार वह बेंगलुरु आए तो उनको भारत इतना भा गया कि, वह यही बस गए उनके पोते Gavin Packard 9 जून 1964 को मुंबई में जन्मे थे| पिता अर्ल पैकर्ड ने कोकणी महाराष्ट्र लड़की बारबरा से शादी की थी|
Gavin Packard पांच भाई बहनों में सबसे बड़े थे, बचपन में ही पिता ने अच्छे स्कूल में दाखिला करवाया खुद इंजीनियर थे तो चाहते थे कि गेविन भी इंजीनियर बने, मगर गेविन का मन पढ़ाई में लगता ही नहीं था|
उनका बचपन से ही एक शौक था बॉडीबिल्डिंग का बस वह पढ़ाई लिखाई छोड़कर जिम में कसरत किया करते थे, 16 साल की उम्र में Gavin Packard ने अच्छी खासी बॉडी बना ली, और बड़ी-बड़ी बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लेने लगे|
स्टेट से लेकर नेशनल लेवल पर खूब अवार्ड जीते, और कुछ ही समय में बतौर बॉडीबिल्डर उनका अच्छा खासा नाम हो गया, अब गेविन बॉडी बिल्डिंग से बॉलीवुड कैसे पहुंचे यह किस्सा बताते हैं|
गेविन बॉलीवुड में कैसे पहुचे
हुआ यह कि उनके दोस्त अक्सर कहा करते तेरी बॉडी इतनी अच्छी है हिंदी भी खूब बोल लेता है फिल्मों में क्यों नहीं कोशिश करता| Gavin Packard को भी लगा की बात तो सही है| बस अगले ही दिन से फिल्म मेकर्स की ऑफिसों के चक्कर काटने शुरू कर दिए|

प्रोड्यूसर डायरेक्टर सबसे मिलते सब बॉडी की खूब तारीफ करते मगर अफसोस काम कोई नहीं देता साल भर तक दौड़ते रहे फिर एक दिन रूठी किस्मत ने साथ दे दिया साउथ फिल्मों के डायरेक्टर हसन की नज़र उनकी फोटो पर पड़ी तो अपनी एक फिल्म में छोटा सा रोल दे दिया|
1980 में आई फिल्म थी बेंज बसु इसके बाद बस एक और फिल्म में काम मिला रोल अच्छे नहीं मिल रहे थे तो वापस बॉडीबिल्डिंग में बिजी हो गए, फिर एक दिन किस्मत ने दोबारा दस्तक दी, 1987 की बात है मशहूर डायरेक्टर प्रियदर्शन एक फिल्म बना रहे थे|
एक बार उनकी नजर बॉडीबिल्डिंग करते हुए Gavin Packard पर पड़ गई, उनको वह पसंद आ गए प्रियदर्शन ने गेविन को मिलने के लिए बुला लिया गेविन के पहुंचते ही फिल्म ऑफर कर दी वह फिल्म 1988 में आई आर्यन थी|
जिसमें उनको मार्टिन का दमदार किरदार मिला था| यही से साउथ इंडस्ट्री में उनका नाम हो गया| अगले ही साल उनका अभिनेता मोहनलाल के साथ फिल्म मिल गई सीजन अब साउथ के साथ हिंदी फिल्मों के ऑफर भी आने लगे|
गेविन संजय दत्त पर पड़े भारी
मगर किरदार गिरे दर्जे के होते जैसे 1988 में आई नफरत की आंधी में हीमेन का रोल 1989 में आई नाइन्शफ़ि में टार्जन का किरदार इसके अलावा इलाका, त्रिदेव, थानेदार जैसी फ़िल्में करने के बाद भी खास पहचान नहीं बन रही थी|

Gavin Packard किसी ऐसी बॉलीवुड फिल्म के लिए तड़प रहे थे जो हिंदी जगत में उनकी पहचान बना दे, लेकिन कोई ऑफर नहीं आ रहा था, फिर एक दिन अचानक वह फिल्म आई जिसने उनके नसीब पलट दिया|
महेश भट्ट, संजय दत्त के साथ एक फिल्म बना रहे थे| उनको संजय से टक्कर लेने वाले एक विलन की जरूरत थी| एक दिन अचानक उनकी नजर गेविन की एक फिल्म पर पड़ी, महेश को वह पसंद आ गई और फौरन मिलने के लिए बुला लिया|
Gavin Packard पहुंचे तो महेश बोले मैं संजय दत्त के साथ फिल्म बना रहा हूं उसमें विलेन के बॉडीगार्ड का अच्छा रोल है करोगे महेश जी के साथ काम कौन मना करता बस फौरन हां बोल दी, 1991 में फिल्म आई सड़क सदाशिव अमरापुरकर मेंन विलेन और गेविन उनके बॉडीगार्ड फिल्म में संजय दत्त और गैविन की जबरदस्त टक्कर देखने को मिली|
संजय दत्त भले ही हीरो है मगर गेविन की पर्सनैलिटी उन पर भारी पड़ गई| सड़क ने Gavin Packard की किस्मत खोल कर रख दी, संजय दत्त तो उनकी बॉडी देखकर इतने प्रभावित हुए कि उनको अपना पर्सनल ट्रेनर बनाकर बॉडी बिल्डिंग सीखने लगे|
1990 ख़त्म होते, होते गेविन का करियर ख़त्म
संजय दत्त तो छोड़िए सुनील शेट्टी से लेकर सलमान खान तक उनके बॉडी बिल्डिंग की ट्रेनिंग लेने लगे गेविन ने ही संजय दत्त, सुनील सेठी से लेकर सलमान खान को बॉडीबिल्डर बनाया था| वहीं सड़क की कामयाबी के बाद गेविन का इतना नाम हो गया कि उनके पास हिंदी फिल्मों के ओफ्फ़रो की लाइन सी लग गई|
फाइटर के ऐसे ऐसे किरदार मिलने लगे कि लोग उनकी बॉडी देखते ही रह जाते थे शाहरुख खान, अक्षय कुमार, गोविंदा, मिथुन से लेकर नाना पाटेकर जैसे बड़े-बड़े सितारों के साथ फिल्में मिलने लगी, चमत्कार, तिरंगा, दीदार, आंखें, वक्त हमारा है, तड़ीपार, यशवंत, लोहार, खिलाड़ी का खिलाड़ी, से लेकर बड़े मियां छोटे मियां जैसी ना जाने कितनी हिट फिल्मों में अपना हुनर दिखाया|

1990 के दर्शक इनका नाम भले ना जानते हो लेकिन गोरा फाइटर कहो तो फौरन पहचान जाते, सफलता के शिखर पर चढ़ते गेविन ने एवरी नाम की लड़की से शादी भी कर ली,दोनों की दो बेटियां हुई एरिका और कैमलीन सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था जिंदगी में सब कुछ था मगर फिर शायद किसी की नजर लग गई और अचानक बदकिस्मती ने दामन थाम लिया|
1990 का दौर खत्म हुआ तो जैसे Gavin Packard का करियर भी खत्म होने लगा, नसीब रूठ गया फिल्में मिलनी बंद हो गई, छोटे-मोटे रोल भी कोई नहीं दे रहा था| डायरेक्टर प्रोड्यूसर के पास जाते कोई रोल नहीं देता बड़े-बड़े स्टार से दोस्ती पहचान थी|
गेविन का भयानक एक्सीडेंट
लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया साल 2002 में आखिरी बार फिल्म जानी दुश्मन में छोटा सा रोल मिला बस Gavin Packard अकेले पड़ गए काम रहा नहीं तो डिप्रेशन की बीमारी ने घेर लिया, आंखों के सामने करियर बर्बाद हो रहा था| जिसे यह एक्टर शहर नहीं कर पाया और शराब पीने लगा|
पहले गेविन ने शराब पी फिर शराब उनको पीने लग गई फिल्मों से जो कमाया था वह धीरे-धीरे खत्म हो गया फिर साल 2010 में वह घटना हो गई जिसने Gavin Packard को पूरा बर्बाद कर डाला शराब के नशे में गेविन बाइक से कल्याण जा रहे थे|

नशे में धुत होने की वजह से उनका बहुत भयानक एक्सीडेंट हो गया, वह रोड किनारे बेहोश पड़े हुए थे| कुछ लोगों ने चेहरे से उनको पहचान लिया, और फ़ौरन गेविन को अस्पताल ले जाया गया मगर हादसा इतना बड़ा था कि वह उठने के काबिल भी नहीं रहे|
और बेडरेस्ट हो गए बेरोजगारी और शराब के बाद एक्सीडेंट ने उनकी निजी जिंदगी खराब कर दी, उनकी पत्नी ने Gavin Packard को तलाक दे दिया, और दोनों बेटियों के साथ लंदन चली गई| 1990 का मशहूर एक्टर दयनीय हालत में बेड पर पड़े पड़े अपने दिन गिनने लगा तरस खाकर उनका भाई डैरिल उन्हें अपने घर ले आया|
मगर एक्सीडेंट के बाद उनकी हालत फिर बिगड़ी ही चली गई| Gavin Packard को सांस की गंभीर बीमारी लग गई| 18 मई 2012 के दिन अचानक उनकी सांस उखड़ने लगी तड़पते भाई को जब तक अस्पताल ले जाया जाता उनकी तड़पते हुए वहीं मौत हो गई|
हैरानी की बात है कि उनके अंतिम संस्कार में बॉलीवुड का कोई अभिनेता नजर नहीं आया था| 90 का बेजोड़ विलन गुमनामी में तड़प तड़प कर मर गया, मगर कोई भी एक्टर या हेरोइन या फिर कोई भी डायरेक्टर उनको देखने नही आया|