Hanuman Part2 आप सब ने अभी तक हनुमान फिल्म तो देखा ही होगा|
चलिए जानते हैं हनुमान Hanuman Part2 मूवी के बारे में आखिर क्या हुआ वह कौन से दो वचन थे जो विभीषण ने और हनुमान जी ने किए थे और आखिर इन दोनों वचनों का इस मूवी के पार्ट2 Hanuman Part2 से क्या संबंध है|

इन सब चीजों के बारे में इस पोस्ट में हम बताएँगे हम इस मूवी का दूसरा पार्ट Hanuman Part2 और वह दोनों वचन की कहानी पर भी बात करेंगे सबसे पहले हनुमान जी के रूद्रमणि के बारे में थोड़ा सा बात कर लेते हैं|
हनुमान जी का जन्म स्थान
क्योंकि कहानी को समझने के लिए यह बहुत जरूरी है तो कहा जाता है कि हनुमान जी का जन्म कर्नाटक में हंपी के पास अंजादरी पहाड़ में हुआ था और मूवी में जो छोटा सा गांव दिखाया गया है उसका नाम भी अन्जदारी है यानी की मूवी में इसे एक ऐसा गांव दिखाया गया है जो हनुमान जी के जन्म स्थान पर ही स्थित है| Hanuman Part2
और कहीं ना कहीं पूरी दुनिया से यह जगह पूरी तरह से कट ऑफ है यह बताया गया है कि हनुमान जी जब छोटे थे और सूर्य को फल समझकर खाने जा रहे थे तब इंद्रदेव दुनिया को अंधकार से बचने के लिए हनुमान जी पर वज्र से प्रहार कर दिए थे|
और इस वज्र के प्रहार से हनुमान जी के मुख से रक्त का एक बूंद निकल गया जो कि सीधा जाकर अंजादरी पर्वत में बहने वाली नदी में गिर गया अब वह दिव्या रक्त पानी के अंदर गिरने के बाद एक मणि में बदल गई जिसका नाम रूधिरामणि बताया गया है|
क्योंकि यह मणि हनुमान जी के रक्त से बना था तो इसीलिए यह रूद्रमणि बहुत ही शक्तिशाली था यानी जो भी किसी तरह इस मणि को हासिल कर लेगा उसके पास हनुमान जी की शक्ति का एक बहुत बड़ा अंश आ जाएगा वह इतना ताकतवर हो जाएगा कि पूरा विश्व में शायद ही कोई उनका मुकाबला कर पाएगा| Hanuman Part2
हजारो साल से क्यों नही मिली रुद्रमणि
अब क्योंकि यह मणि इतना ज्यादा ताकतवर है तो पूरे ब्रह्मांड के सारे राक्षस और असुर इसकी खोज में लग गए दूसरी तरफ बनी थी यह भी एक ऐसे व्यक्ति का खोज करने लगी जो इस मणि के ताकत को संभालने के लायक हो इसलिए अगर आपने मूवी देखी हो तो आपको याद होगा की कुदरत यानी नेचर खुद हनुमंत को उसे मणि तक पहुंचा देती है| Hanuman Part2

अब तक शायद आपके मन में यह भी सवाल आ गया होगा कि इतने सारे हजारों सालों में कैसे किसी असुर को यह रूद्रमणि मिल नहीं पाई इसका जवाब बहुत ही आसान है हनुमान जी का रक्त जब तक उस मनी के अंदर था तब तक कोई भी असुर उसके लोकेशन को ढूंढ नहीं सकता था| Hanuman Part2
और इसीलिए इतने हजारों सालों में भी उन्हें रूद्रमणि नहीं मिल पाए लेकिन जैसे ही हनुमान मूवी की और वह मणि टूट गई वैसे ही सारे असुरों को शक्ति का पता चल गया यानी कि अब ऐसा हो सकता है कि इस मूवी के अगले भाग Hanuman Part2 में सारे असुर और राक्षस हनुमान के पीछे लग जाए| Hanuman Part2
ताकि उसको किसी तरह मार करके सारी शक्ति छीन लिया जाए यह सब तो ठीक है लेकिन विभीषण और हनुमान जी के वह दोनों वचन आखिर क्या थे|
दिए गए वचन को निभाने का वक्त
Hanuman Part2 चलिए इस पर भी थोड़ा सा बात कर लेते हैं फिल्म के अंत में जब हमने देखा हनुमान जी को उस गुफा से बाहर आकर हनुमंत यानी हीरो से मिलते हुए इस समय विभीषण हनुमान जी से बोलते हैं कि हमने आपको दिया हुआ वचन निभा लिया है आपने प्रभु श्री राम को आपने जो वचन दिए थे वह निभाने का वक्त आ चुका है|

जैसा कि आप सबको पता है कि हनुमान जी चिरंजीवी है यानी इम्मोर्टल है तो शायद प्रभु श्री राम ने उनसे यह वचन लिया होगा कि मानवता जब जब किसी घोर संकट में आएगी तब तक हनुमान जी को उनकी रक्षा करनी होगी दूसरी तरफ विभीषण ने यह वचन दिया होगा कि रूद्रमणि उसके असली हकदार तक पहुंचा दिया जाएगा|
और साथ ही साथ जब तक रूद्रमणि को उसके लायक कोई शख्स नहीं मिल जाता तब तक रूद्रमणि किसी भी गलत हाथों में नहीं आने देंगे और पूरी फिल्म में शुरू से अंत तक विभीषण यही तो करते हैं शुरू में हनुमान के सामने शेर बन कर उसको वही रोकते हैं जिसके बाद हनुमंत यानी हीरो को डाकुओं से लड़कर उसको किसी तरह मणि तक पहुंचा देते हैं|
और फिल्म में जब विलन माइकल के आदमी उस मणि को चुरा लेते हैं तब विभीषण खुद हनुमान का रूप धारण करके वो मणि वापस बैलेंस से छीन कर हीरो यानी हनुमंत को वापस कर देते हैं इसके बाद जब हनुमान जी की बहन की मौत हो जाती है और हनुमत गुस्से में उस मणि को फेंक देता है| Hanuman Part2
रुद्रमणि टूटने के कारण से
और विभीषण उसे बंदर की मदद लेकर मणि को वापस ले कर आ जाता हैं लेकिन ऐसा लगता है कि विभीषण ने यहां पर यह सोचा होगा कि वह आने वाले महायुद्ध को रोक सकते हैं उनका शायद मकसद यह था कि रूद्रमणि को उसके असली हकदार तक पहुंचाना और विलन को ख़त्म कर देना लेकिन जैसे ही मूवी के अंत में रूद्रमणि ब्लास्ट के कारण टूट जाता है|
तब हमें यह पता चलता है कि अब कुछ भी हो जाए सुरों को अब कोई रोक नहीं पाएगा यानी अब महायुद्ध का आरंभ हो चुका है और शायद इसीलिए विभीषण बोलते हैं कि उन्होंने अपना वचन यानी रूद्रमणि से उसके असली हकदार तक उसको पहुंचने का काम उन्होंने कर दिया है| Hanuman Part2

अब समय है हनुमान जी का कि वह हीरो की मदद करें इस महा संकट को टालने में जैसे उन्होंने प्रभु श्री राम से वादा किया था ये तो हुई वचनों की बात लेकिन अब भी कुछ सवाल बाकी है जैसा कि क्या हनुमान जी खुद असुरों से लड़ेंगे वह हनुमंत को कुछ ऐसा ज्ञान देंगे इसके बाद वह अपनी ताकतों को और भी अच्छे से इस्तेमाल कर पाएं|
रूद्रमणि टूटने की वजह से हजार हजार सालों से सोए हुए दानव और असुर जाग जाते हैं जिसका संकेत श्री हनुमान को भी मिल जाता है इधर हनुमान की शक्तियां खत्म होने की वजह से वह नीचे गिर रहा था तभी रूद्रमणि से निकला रक्त हनुमान के आंखों में आकर गिरता है|
हनुमंत के अन्दर आई अद्भुत शक्तियां
जिससे उसकी आंख पूरी तरह लाल हो जाता है और श्री हनुमान भी अपनी तपस्या से उठ कर अपना गदा लेकर एक लंबी चलांग लगाकर हनुमान के पास जाने लगते हैं उनके उड़ने की गति इतनी प्रकृति थी की वह समुद्र को चीरते हुए आगे बढ़ रहे थे|
श्री हनुमान के आने का आभाष सभी ऋषि मुनियों को हो चुका था आकाश मार्ग में जाते समय उनका गति की वजह से उनके हाथों के सामने आग लगने लगा था और वह दूर से एक आग के गोले की तरह दिख रहे थे|
इधर हनुमान की आंखों में रक्त गिरने के बाद वह अचानक गिरने से रुक जाता है और अपने आप ही आसमान में उड़ने लगता है उसे अपने अंदर असीम शक्तियों का एहसास होता है तभी स्वयं श्री हनुमान आकर हनुमंत के सामने खड़े जाते हैं जिन्हें देखकर विभीषण उन्हें प्रणाम करके कहते हैं मैंने आपको दिया वचन निभा लिया अब प्रभु श्री राम को आपने जो वचन दिया था उसे पूरा करने का समय आ चुका है| और यह कहानी यहीं पर समाप्त हो जाता है |