Indravardhan Purohit: कोई मिल गया के Jadoo की दर्दनाक कहानी

ये उस पर्सनैलिटी कि कहानी है,जिन्होंने इंडस्ट्री में एक ऐसा किरदार निभाया है| जिस किरदार को इस इंडस्ट्री में सालों तक याद किया जाएगा|

यह सिर्फ किरदार नहीं बल्कि ब्रांड बन चुका है, इस किरदार की अपनी फैन फॉलोइंग है| लेकिन दुख की बात यह है कि जिस शख्स ने इस किरदार को निभाया उस शख्स की पहचान हमेशा छुपाई गई |

उन्हें वो क्रेडिट नहीं दिया गया यह एक शर्त थी उनके इस काम की जो कभी नहीं बोल पाए लोगों के बीच और आज दुनिया में नहीं है तो सब तरफ कहा जा रहा है कि, यह किरदार तो उन्होंने निभाया था|

जादू के पीछे कौन था

और वह किरदार है Jadoo का कोई मिल गया फिल्म में जो जादू था वह किरदार और एक्टर है Indravardhan Purohit (इन्द्रवर्धन पुरोहित)  इस एक्टर का नाम किसी ने नहीं सुना और किसी को नहीं पता कि ये एक्टर क्या करते हैं|

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लेकिन जैसे ही जादू का नाम आता है, तो सब पहचान जाते हैं| कि हां जादू को हमने कोई मिल गया में देखा था| Indravardhan Purohit ही थे, जिन्होंने कोई मिल गया फिल्म में वह जादू का किरदार निभाया था| हालांकि पूरे कॉस्ट्यूम में ढके हुए थे उस कॉस्ट्यूम को कैरी करने वाले एक्टर Indravardhan Purohit थे|

सबसे बड़ी बात यह कि फिल्म इतनी बड़ी हिट कैरेक्टर इतना बड़ा है| लेकिन उसके बावजूद क्यों राकेश रोशन जो इस फिल्म के मेकर्स है, प्रड्यूसर है उन्होंने रितिक को फेम दिलवाया इस फिल्म से प्रीति जिंटा को फेम मिली, लेकिन कभी भी Indravardhan Purohit (इन्द्रवर्धन पुरोहित) को सामने लाकर क्यों नहीं खड़ा किया गया|

यह है वह शख्स जिसने जादू का कॉस्ट्यूम पहना और सब को अपना फैन बनाया| इस बात से बहुत दुख होता है लेकिन शायद उनके कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा था| इसी लिए जीते जी Indravardhan Purohit कभी यह बात कह नहीं पाए कि वह जो कोई मिल गया फिल्म में जादू का किरदार निभाया था जो कॉस्ट्यूम पहनकर उस कॉस्ट्यूम के अंदर जो आदमी था वह मैं था|

एक करोड़ रुपए की कीमत का कॉस्ट्यूम

अगर ऐसा हो जाता तो शायद उन्हें अपने करियर में कुछ और भी फिल्में मिल जाती, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया सबसे बड़ी बात Indravardhan Purohit इंडस्ट्री में कोई नए नहीं थे| वह इंडस्ट्री में 50 सालों से काम कर रहे थे, 100 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने काम किया जिसमें हिंदी गुजराती और दूसरी रीजनल फिल्म शामिल है|

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उन्होंने नगीना Veerana बोल राधा बोल और दरार जैसी फिल्मों में भी काम किया है| Indravardhan Purohit उनकी हाईट कम थी यही कारण है कि फिल्मों में जब भी किसी कॉमेडी की जरूरत होती थी, तो उन्हें ही कास्ट किया जाता था|

जिस समय राकेश रोशन कोई मिल गया फिल्म बना रहे थे, तब उन्होंने काफी लोगों को इस जादू के किरदार के लिए ऑडिशन किया था जो उस कॉस्ट्यूम में फिट हो पाए तब जाकर फाईनली Indravardhan Purohit को सिलेक्ट किया गया |

लेकिन पहले ही दिन ऐसा नहीं है कि सलेक्सन के तुरंत बाद ही  शूटिंग शुरू हो गई Indravardhan Purohit को अपना बहुत सारा वज़न घटाना पड़ा क्योंकि वह कॉस्ट्यूम में फिट नहीं होते, और जिस तरह का कॉस्ट्यूम था उसमें सांस लेने में तकलीफ होती थी| यही कारण है कि कोई फिट आदमी जो, अचानक से सफोकेट ना फील करता हो| उसे ही इस कॉस्ट्यूम में डाला जा सकता था|

राकेश रोशन ने Indravardhan Purohit को सेलेक्ट तो कर लिया लेकिन उन्हें अगले कुछ महीनों में वज़न घटाने के लिए कहा गया जहां तक बात है जादू के कॉस्ट्यूम की तो यह कॉस्ट्यूम ऑस्ट्रेलिया से बनवाया गया था| एक करोड़ रुपए की कीमत का यह कॉस्ट्यूम था|

क्यों कोई नही जान पाया इन्द्रवर्धन जैसे एक्टर को

आस्ट्रेलिया के मशहूर कॉस्ट्यूम डिजाइनर जेम्स कॉलनर ने इस कॉस्ट्यूम को डिजाइन किया था| और इसी कॉस्ट्यूम में तीन महीनों तक Indravardhan Purohit ने जादू के किरदार की शूटिंग की 8 से 10 घंटे उसी कॉस्ट्यूम में रहा करते थे |

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लेकिन यह बात भी है कि कॉस्ट्यूम में वेंटिलेशन की दिक्कत थी| सांस लेने में तकलीफ होती थी यही कारण है कि जैसे ही एक सीन शूट हो जाता उसके बाद Indravardhan Purohit कुछ देर के लिए कॉस्ट्यूम उतारते और प्रॉपर सांस लेते थे |

कम ही लोग जानते हैं कि TV की पॉपुलर शो बालवीर में भी हमें Indravardhan Purohit नजर आए थे| उन्होंने डूबा डूबा का किरदार निभाया था| इसके अलावा टीवी का टॉप टीआरपी बटोरने वाला शोक तारक मेहता का भी वह हिस्सा बन चुके हैं|

इस शो में कुछ एपिसोड्स में नजर आए थे, दया बहन के डिस्टेंट रिलेटिव के रूप में| जहां कोई मिल गया फिल्म का हर किरदार पॉपुलर हुआ वहीं Indravardhan Purohit को कोई जान ही नहीं पाया क्योंकि उन्हें यह बात कॉन्फिडेंशियल रखने के लिए खुद राकेश रोशन ने कहा था|

लेकिन यह भी कह सकते हैं कि काश राकेश रोशन, कोई मिल गया कि 10th एनिवर्सरी पर या 8वी  एनिवर्सरी पर Indravardhan Purohit को दुनिया के सामने लाते, शायद उन्हें इंडस्ट्री में दो काम ज्यादा मिल जाते या थोड़ी फेम जिस किरदार को उन्होंने निभाया उससे उन्हें भी मिल जाती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया|

10 साल बाद लोगों को पता चला की जादू कौन था

और Indravardhan Purohit जादू वाली फेम को इंजॉय कर पाते, उससे पहले ही उनकी डेथ हो गई यह 2014 में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण Indravardhan Purohit के तबीयत बिगड़ी और फिर उनकी डेथ हो गई|

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कई बार बॉलीवुड में ऐसा भी होता है जब किरदार की कीमत, या कॉस्ट्यूम की कीमत, इंसान की कीमत से ज्यादा होती है| और यही कहानी है Indravardhan Purohit की जिन्होंने जादू का किरदार निभाया था|

दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जिनकी कोई पर्सनल लाइफ नहीं होती अगर वे आम जनता के सामने आ जाते हैं तो तुरंत ही मनोरंजन का साधन बन जाते हैं|

ढाबे पर काम करने वाले छोटी उम्र के बच्चे को बिना कुछ सोचे समझे छोटू कहकर पुकारा जाता है|

लेकिन हम यह नहीं सोचते हैं कि वह छोटू अपने घर का बड़ा व्यक्ति है, जिस पर पैसे कमाने की नौबत आई हुई है| हमारे फिल्म जगत में ऐसे कलाकार भी हैं जिनकी कद तो छोटी रहती है पर विचार बड़े होते हैं|

अब आपको खूब सारे छोटे कद वाले कलाकारों की तस्वीर याद आने लगी होगी| उनमें से ही एक कलाकार वह भी थे जिन्होंने कोई मिल गया फिल्म में जादू का किरदार निभाया था|

वही जादू जिस पर अलग-अलग मीम्स बनते हैं| और सबसे चौकाने वाली बात यह भी है कि जादू का किरदार निभाने वाला कोई इंसान था यह बात 10 साल बाद लोगों को पता चली| नहीं तो लोगों को यही लगता था कि कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से वह कैरेक्टर बनाया गया होगा|

जादू का नाम उजागर क्यों नही किया गया

उस कलाकार का नाम है, Indravardhan Purohit इनका देहांत 28 सितंबर 2014 में हुआ और तब जाकर लोगों को पता चला कि Indravardhan Purohit ने ही जादू का किरदार निभाया था|

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Indravardhan Purohit जब फिल्म जगत में आए तो लोगों ने उनके नाम को लेकर आपत्ति दिखाई ठेकेदार फिल्मकार उनका लंबा नाम सुनकर असहज हो जाते थे| इसलिए उन्होंने उनकी हाइट देखकर छोटू पुकारना शुरू किया|

आगे चलकर लोकप्रिय होते ही लोगों ने उन्हें दादा पुकार ना शुरू किया, और इसीलिए इंडस्ट्री में उन्हें छोटू दादा इस नाम से पहचान मिली, फिल्म जगत का कड़वा सच यह भी है कि यहां के ठेकेदार शौहरत के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं|

कोई मिल गया फिल्म बनाने से लेकर रिलीज होने तक निर्माताओं ने Indravardhan Purohit साहब का नाम छुपा कर रखा, उन्हें किसी भी प्रमोशन का हिस्सा नहीं बनाया गया, और ना ही किसी मंच पर उनका नाम लिया गया|

फिल्म इतिहासकारों का कहना था कि फिल्मकारों ने जानबूझकर Indravardhan Purohit  का नाम उजागर नही किया गया इसके पीछे की वजह यह थी कि उन लोगों को जादू इस काल्पनिक किरदार को प्रसिद्धि के झोके में लाना था|

अगर लोगों को जादू के पीछे का असली इंसान दिख जाता तो शायद फिल्म उतनी हिट नहीं हो पाती दूसरी ओर बाकी फिल्म इतिहासकारों का यह भी कहना है कि निर्माताओं ने जादू के कॉस्ट्यूम्स और मास्क पर करोड़ों रुपए खर्च करे थे|

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पुरोहित शुरू से फिल्मों में काम करना चाहते थे

ऐसे में मास्क लगाने वाले इंसान को सिर्फ निर्देशन के अलावा कुछ करना भी नहीं था| इस वजह से फिल्मकारों के नजरों से पुरोहित साहब ने अभिनय किया ही नहीं था इस वजह से फिल्म के क्रेडिट्स में भी उनका नाम नहीं रखा गया| पर हमारे नजरों से राकेश रोशन जैसे महान और काबिल फिल्मकार को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए थी|

अगर इस प्रकार का फालतू और वाहियात तर्क देकर पुरोहित साहब का नाम काटा गया था तो आजकल ड्रोन कैमरा चलाने वाले ऑपरेटर का नाम भी क्रेडिट में नहीं आना चाहिए| Indravardhan Purohit जी का जन्म 1949 को हुआ था| और साल 1984 में जेब में 50 लेकर वे अकेले मुंबई आए थे|

मुंबई आने का कारण भी यही था कि वे शुरू से फिल्मों में काम करना चाहते थे| यहां आने के बाद उन्होंने फिल्मकारों से मिलना शुरू किया, और कोई काम मिलता उससे पहले ही उन्हें छोटा नाम मिल गया| ऐसे में 1985 की युद्ध फिल्म में उन्हें पहली बार अभिनय करने का मौका मिला|

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उसके बाद उनकी पहचान बढ़ती गई, और काम मिलता गया मुंबई ने ना सिर्फ उन्हें नाम दिया बल्कि जीवन साथी भी दिया| संघर्ष के दौरान उनकी मुलाकात रेखा से हुई उनका भी कद पुरोहित जितना ही था| उसके बाद बातों-बातों में प्यार हुआ और शादी हो गई|

शादी करने के बाद जब संतान की बात आई तो Indravardhan Purohit साहब ने यह कहकर संतान नहीं होने दिया कि अगर उनके बच्चों की किस्मत में भी बौनापन आएगा, तो वह बड़े होकर उन्हें ही कोसेंगे कि क्यों मुझे पैदा किया|

क्योंकि उनका मानना था कि हमारी जिंदगी दूसरों के लिए मनोरंजन का साधन होती है| आपका यह भी जानना जरूरी है कि पुरोहित साहब की पत्नी रेखा जी ने भी फिल्मों में काम किया था| साथ ही यह भी है, कि डिजिटल प्लेटफार्म पर उनके नाम सिर्फ 30 या 40 फिल्में हैं|

लेकिन उन्होंने लगभग 250 से अधिक फिल्मों में काम किया था| हाल ही की बात करें तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा इस सीरियल में भी Indravardhan Purohit साहब ने दया बहन के रिश्तेदार की भूमिका निभाई थी |

आज Indravardhan Purohit (इंद्रवर्म पुरोहित) हमारे बीच तो नहीं है लेकिन उनकी वजह से दुनिया भर के जो बाकी असामान्य लोग हैं उन्हें जीने की उम्मीद मिली है|

Riyajuddin Ansari
Riyajuddin Ansari
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