मेरा रवईया कुछ ऐसा रहा है कि, अगर आप मेरी किसी कमजोरी को लेकर मुझे घेरने की कोशिश करेंगे तो मैं उसी कमजोरी को अपनी ताकत में बदल दूंगा|
क्या आप जानते हैं कि, यह कथन किसका है| बास्केट बॉल के सुपरस्टार माने जाने वाले माइकल जॉर्डन का Michael Jeffrey Jordan (माइकल जेफ्फेरी जॉर्डन) का जन्म 17 फरवरी 1963 को ब्रुकलिन में हुआ था|
दुनिया के मशहूर बास्केटबॉल खिलाड़ी

उनके पिता का नाम जेम्स आर जॉर्डन और मां का नाम डेलोरिस जॉर्डन है| उनके पिता जेम्स इक्विपमेंट सुपरवाइजर थे, और मदर एक बैंकर थी| जब Michael Jeffrey Jordan छोटे थे तभी उनका परिवार ब्रुकलिन से वेलिंगटन आ गया|
उनके माता-पिता बहुत ही मेहनती थे, और घर को हमेशा अनुशासन में चलाते थे, उन्होंने माइकल को हमेशा ही कड़ी मेहनत करने की शिक्षा दी थी, पिता ने माइकल को हमेशा बताया कि जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है|
जीवन में आगे बढ़ाने के लिए Michael Jeffrey Jordan हमेशा प्रयत्न करते थे, स्कूल में वह हमेशा बास्केटबॉल खेला करते थे, उनके अच्छे खेल की वजह से उन्हें कई सारे विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप का ऑफर भी आया|
मेहनत तो सतत प्रयासों से वह दुनिया के मशहूर बास्केटबॉल खिलाड़ी बने,चलिए जानते है की कैसे वह अपने पेरेंट्स के टीचिंग्स को फॉलो करके एक फेमस बास्केटबॉल प्लेयर बने|
यह कहानी है उनके बचपन की उनके पिता ने उन्हें अपने पास बुलाकर कहा, बेटा मैं तुम्हें एक कपड़ा दे रहा हूं तुम उसे एक डॉलर में बेचकर मुझे दिखाओ Michael Jeffrey Jordan पिता की बात सुनकर इस सोच में पड़ गया कि, इस फालतू के कपड़े को $1 में कौन खरीदेगा|
बास्केटबॉल खेल में सबसे बड़ा नाम बने

अब बेचना तो था ही, सबसे पहले माइकल ने उस कपड़े को धोया, घर पर प्रेस नहीं थी तो उसने कपड़े के ऊपर कुछ वजनदार चीज रख दी, इससे वह कपड़ा सीधा हो गया| फिर वह बाजार गया कपड़े को बेचकर अपने पिता के पास पहुंचा यह देखकर उनके पिता बहुत खुश हो गए|
एक दिन फिर Michael Jeffrey Jordan को उनके पिता ने एक कपड़ा दिया और कहा कि इस $10 में बेचकर दिखाओ, इस बार भी उन्होंने पिता से कोई भी सवाल नहीं किया, कपड़ा लिया उसे धोए और एक दोस्त से मिकी माउस का स्टीकर लेकर उस कपड़े पर लगा दिया बाजार में गए और उसे $10 में बेच दिया|
कई बार Michael Jeffrey Jordan ने यह काम कर दिखाया, एक दिन उनके पिता ने पूछा कि इतने दिनों में तुमने क्या सीखा माइकल ने कहा पिताजी जहां इच्छा होती है, वहां जीत जरूर हासिल होती है|
इसी शिक्षा से Michael Jeffrey Jordan बास्केटबॉल खेल में सबसे बड़ा नाम बने,माइकल के पिता ने उसे बताया कि, कड़ी मेहनत ही हर सफलता की चाबी है| माइकल जॉर्डन जब हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तो उन्होंने स्कूल की बास्केटबॉल टीम में भाग लेना चाहा|
कॉलेज प्लेयर ऑफ द ईयर बने

लेकिन वह असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पूरी लगन से कड़ी मेहनत करते रहे| उन्हें उनकी मेहनत का फल मिला,और अगले साल उनका चयन स्कूल की बास्केटबॉल टीम में हो गया|
यह Michael Jeffrey Jordan की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा था कि, स्कूल टीम की तरफ से खेलते हुए नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी की तरफ से उन्हें एक स्कॉलरशिप भी मिल गया|
अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1981 में नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया| कैरोलिना यूनिवर्सिटी की बास्केटबॉल टीम की तरफ से खेलते हुए पहले ही साल 1982 में उन्हें अटलांटिक कास्ट कॉन्फ्रेंस ऑफ द ईयर टाइटल से नामित किया गया|
टीम ने ACC चैंपियनशिप जीती और Michael Jeffrey Jordan ने विनिंग शॉट के रूप में जम्प शॉट लगाते हुए नेशनल कॉलेज एथलेटिक एसोसिएशन की चैंपियनशिप के लिए Georgetown यूनिवर्सिटी को हराया|
The स्पोर्टिंग न्यूज़ ने माइकल जॉर्डन को अपने कॉलेज के दोनों साल में कॉलेज प्लेयर ऑफ द ईयर नाम से सम्मानित किया| 1984 में Michael Jeffrey Jordan को अपने कॉलेज के तीसरे साल के बीच में ही छोड़ना पड़ा|
माइकल को NBA रुकी ऑफ द ईयर अवार्ड मिला

इसके बाद उन्होंने नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन NBA को ज्वाइन कर लिया NBA में खेलते हुए 1984 में शिकागो बुल्स टीम ने उन्हें चुन लिया| इस समय तक शिकागो बुल्स को एक हारी हुई टीम माना जाता था|
लेकिन Michael Jeffrey Jordan (माइकल जॉर्डन) ने खुद को साबित करते हुए, NBA के 1984-85 सीजन में खेलते हुए शिकागो बुल्स को प्लेऑफ तक लेकर गए, उस सीजन में माइकल ने 28.2 पॉइंट प्रतीक गेम बनाएं|
NBA के उस सीजन में उनके प्रयासों के लिए माइकल को NBA रुकी ऑफ द ईयर अवार्ड मिला और उन्हें आल स्टार गेम के लिए भी चुना गया| इसके अलावा 1984 में माइकल जॉर्डन ने USA बास्केटबॉल टीम का नेतृत्व करते हुए लॉस एंजेलिस समर ओलंपिक खेला|
और उस वर्ष उनकी टीम ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता भी रही, NBA के अगले सीजन 1985-86 में शिकागो बुल्स की तरफ से ही खेलते हुए एक गेम के दौरान उनके बाएं पैर में चोट लग गई| जिसकी वजह से वह सीजन के 64 गेम नहीं खेल पाए|
लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम प्लेऑफ में जगह बनाने में कामयाब हो गई| और प्लेऑफ खेलों से पहले ही माइकल जॉर्डन भी अपनी चोट से उभरने में कामयाब हो गए| अपनी चोट से उभरने के बाद पहले ही प्लेऑफ गेम में उन्होंने अपना पूरा दमखम लगा दिया|
डिफेंसिव प्लेयर ऑफ द ईयर का खीताब भी हासिल किया

और पहले ही गेम में बोस्टन सेल्टिक्स के खिलाफ खेलते हुए 49 पॉइंट स्कोर किया, जबकि दूसरे गेम में 64 प्वाइंट्स स्कोर किया, जो कि NBA प्लेऑफ के इतिहास में किसी भी खिलाड़ी द्वारा किसी भी गेम में किया गया सर्वश्रेष्ठ और रिकॉर्ड स्कोर था|
हालांकि सीजन 1985-86 में Michael Jeffrey Jordan (माइकल जॉर्डन) की टीम शिकागो बुल्स ट्रॉफी जीतने में असफल रही, और बोस्टन सेल्टिक्स ने फाइनल पर कब्जा करते हुए NBA ट्रॉफी जीती|
NBA के 1986-87 सीजन में माइकल जॉर्डन ने अपनी पूरी फॉर्म में खेलते हुए 3000 प्वाइंट्स स्कोर किया NBA के सीजन में 3000 प्वाइंट्स स्कोर करने वाले वह एकमात्र खिलाड़ी थे, हालांकि उनकी टीम शिकागो बुल्स प्लेऑफ गेम तक ही पहुंच पाई|
बोस्टन सेल्टिक से इस बार भी NBA की विजेता रही, NBA के 1987-88 सीजन में माइकल जॉर्डन ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और इस सीजन में उन्होंने मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर और डिफेंसिव प्लेयर ऑफ द ईयर खीताब भी हासिल किया|
NBA के 1988-89 और 1989-90 सीजन में माइकल के जबरदस्त प्रदर्शन के बूते टीम फाइनल तक पहुंची, इन दोनों ही सीजन में माइकल जॉर्डन ने टीम का नेतृत्व भी किया| Michael Jeffrey Jordan (माइकल जॉर्डन) के साथ टीम लगातार नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रही थी|
1992 में ओलंपिक टीम का हिस्सा भी रहे

शिकागो बुल्स के इतिहास में एक समय ऐसा था, जब इसे हांरी हुई टीम माना जाता था, लेकिन माइकल जॉर्डन की टीम में शामिल होने के बाद लोग टीम को पसंद करने लगे थे, और सबसे ज्यादा वह टीम में माइकल जॉर्डन के खेल को पसंद करते थे|
इस समय तक आते-आते माइकल जॉर्डन के प्रशंसकों की संख्या काफी बढ़ चुकी थी| और वह काफी मशहूर हो चुके थे, लेकिन Michael Jeffrey Jordan इस चका चौंध में नहीं फंसे और उनका शानदार खेल जारी रहा|
इसके अलावा 1992 में वह ओलंपिक टीम का हिस्सा भी रहे, जिसमें गोल्ड मेडल जीता, इस तरह वह अब तक दो बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं|
लेकिन कहते है ना सफलता इतनी आसान नहीं होती, यह कई असफलता के बाद का फल होता है|
Michael Jeffrey Jordan की लाइफ मुश्किलों से भरी रही, क्योंकि 1993 में माइकल को गमेलिंग करते देखा गया, और उन्हें बास्केटबॉल से संन्यास लेना पड़ा|
जिससे वह काफी टूट चुके थे, फिर उनके पिता की हत्या हो गई, जिसका रीजन भी गमेलिंग के कारण हुई दुश्मनी ही पता चला| इन सभी गलतियों से उन्होंने सीख ली, और गमेलिंग छोड़ दी, बास्केटबॉल से संन्यास लेने के बाद उन्होंने शिकागो लीग बेसबॉल का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था|
शिकागो बुल्स को टॉप लेवल से कभी नीचे नहीं आने दिया

मतलब अगर बास्केटबॉल नहीं तो बेसबॉल ही सही, लेकिन वह रुकना नहीं चाहते थे| 1993-94 में शिकागो बुल्स का बास्केटबॉल में परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा| क्योंकि माइकल उस टीम का हिस्सा नहीं थे|
लेकिन कुछ समय बाद माइकल ने फिर से बास्केटबॉल में एंट्री की और 1997 तक शिकागो बुल्स को टॉप लेवल से कभी नीचे नहीं आने दिया| और उनकी बेहतरीन वापसी ने हमें यही सिखाया की, सफलता ना ही रंग देखती है और ना ही रूप, और ना ही कद|
इसे हर वह व्यक्ति हासिल कर सकता है, जो कि इसके लिए मेहनत करता है| बस आपको खुद को साबित करने की जरूरत है| और जब आप ऐसा करते हैं तब सफलता आपके कदम चूमती है|