कैसे सचिन के इस एक फैसले ने बदल दिया टीम इंडिया का भविष्य| आखिर क्यों सचिन ने MS Dhoni को कप्तान बनाने की सिफारिश की थी| सचिन ने सालों बाद किया एक बड़ा खुलासा, क्यों 2007 में एक युवा कप्तान पर खेला गया था दाव|
और कैसे भारतीय टीम को मिला वर्ल्ड का बेस्ट कैप्टन, जानने के लिए बने रहे हमारे साथ हिंदी सफ़र स्पोर्ट्स की ख़बर में, आज आपको एक राज की बात बताने वाले है, जो शायद ही आपको मालूम हो| कहानी है, साल 2007 की|
जब भारतीय क्रिकेट टीम में गांगुली, सचिन, सहवाग, द्रविड़, युवराज, हरभजन सिंह, जहीर खान और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे| फिर भी टीम इंडिया को ODI वर्ल्ड कप के पहले ही राउंड में हार का सामना करना पड़ा|
राहुल द्रविड़ को किया गया अपमान
बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से हारने के बाद श्रीलंका के खिलाफ भी हार ने टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया, उस समय भारत को वर्ल्ड कप का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था| लेकिन पहले राउंड में बाहर होने पर क्रिकेट फैंस का गुस्सा फूट पड़ा|

और जगह-जगह प्रदर्शन हुए सड़कों पर टीम इंडिया के पुतले जलाए गए| और धोनी और युवराज के घरों पर पत्थर बाजी भी की गई| कई क्रिकेटर्स को जान से मारने की धमकी भी दी गई| इस दौरान राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे| और उनकी कप्तानी पर सवाल उठने लगे थे|
उन्हें बूढ़ा कहकर अपमानित किया जा रहा था| ODI वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर गई थी, और इसी दौरे के बीच द्रविड़ ने यह घोषणा की, कि वह कप्तानी छोड़ना चाहते हैं| उन्होंने कहा कि कप्तानी की जिम्मेदारी के कारण वह अपनी बैटिंग पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे|
और अब वह सिर्फ अपनी बैटिंग पर फोकस करना चाहते थे| इसके अलावा कहां जाता है कि, द्रविड़ और टीम सिलेक्शन कमेटी के सदस्य दिलीप बैकर के बीच कुछ मतभेद थे| जिनकी वजह से द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया|
अब सवाल यह था कि भारतीय टीम की कप्तानी कौन करेगा सौरव गांगुली ने कुछ समय पहले ही कप्तानी छोड़ी थी| और सचिन तेंदुलकर जो उस समय टीम के सबसे अनुभवी और सीनियर खिलाड़ी थे| उनका नाम सबसे पहले सामने आया|
द्रविड़ के बाद अगला कप्तान कौन और क्यों
BCCI अध्यक्ष शरद पवार ने भी सचिन तेंदुलकर को कप्तान बनने का ऑफर दिया| सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट को लेकर भी कई अफवाहें उड़ रही थी| हालांकि उन्हें कप्तानी का ज्यादा अनुभव नहीं था लेकिन उस समय उनके अलावा कोई और विकल्प भी नहीं दिखाई दे रहा था|

इस स्थिति में सचिन ने भी टीम का कप्तान बनने से इनकार कर दिया| इसके बाद BCCI अध्यक्ष शरद पवार ने कहा अगर तुम या राहुल द्रविड़ कप्तानी नहीं करोगे तो फिर कौन करेगा, तुम दोनों सीनियर खिलाड़ी हो लेकिन जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हो|
उस समय टीम को ऐसे कप्तान की जरूरत थी जो लंबे समय तक नेतृत्व कर सके| इसी कठिन समय में सचिन तेंदुलकर को एक नाम सुझाया और वह नाम था MS Dhoni (महेंद्र सिंह धोनी) धोनी उस समय बहुत युवा थे| और टीम में उनके शामिल होने को ज्यादा समय नहीं हुआ था|
सहवाग, युवराज, कुंबले, हरभजन,और जहीर खान जैसे कई सीनियर खिलाड़ी थे| लेकिन सचिन ने इन सभी को दरकिनार करते हुए MS Dhoni के नाम का सुझाव दिया| सचिन ने बताया कि उन्होंने धोनी के अंदर कप्तानी की सारी योग्यताएं देखि थी|
एक इंटरव्यू में सचिन ने बताया कि जब MS Dhoni विकेट कीपिंग करते थे तब सचिन भी स्लिप में फील्डिंग किया करते थे| और इस दौरान उनके बीच काफी बातचीत होती थी| सचिन ने कहा कि धोनी की उम्र भले ही कम थी लेकिन वह काफी मैच्योर थे और हर चीज को गंभीरता से सोचते थे|
सचिन की सिफारिश के बाद धोनी को कप्तान बनाया गया
धोनी विकेट के पीछे खड़े हो कर बॉलर्स को गाइड करते थे| और बल्लेबाजों की कमजोरी को समझते थे| क्रिकेटर्स आम तौर पर या तो बल्लेबाज बनते हैं या फिर गेंदबाज लेकिन MS Dhoni एक ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने बतौर कप्तान अपनी पहचान बनाई|

MS Dhoni किसी भी प्रस्तिथि में वह हमेशा धैर्य से काम लेते थे| और इसलिए फैंस उन्हें कैप्टन कूल कह कर बुलाते थे| सचिन तेंदुलकर ने एक बार कहा था कि, एक अच्छी कप्तानी का मतलब है विपक्षी टीम से एक कदम आगे रहना, उनका मानना था हम कहते हैं जोश से नहीं होश से खेलो|
कोई भी काम तुरंत नहीं होता आपको 10 गेंद में 10 विकेट नहीं मिलेंगे, आपको योजना बनानी होती है| और दिन के अंत में स्कोर बोर्ड ही मायने रखता है| सचिन ने धोनी में यही गुण देखे थे| और इसलिए उन्होंने MS Dhoni के नाम की सिफारिश की थी|
सचिन की सिफारिश के बाद MS Dhoni को भारत की T20 टीम का कप्तान बना दिया गया| लेकिन वनडे टीम की कप्तानी अभी तक द्रविड़ के पास ही रखी गई| 2007 में क्रिकेट इतिहास का पहला T20 वर्ल्ड कप खेला गया और युवा कप्तान MS Dhoni ने जोश और ऊर्जा से टीम को नेतृत्व किया|
उनका जोश और नेतृत्व कौशल टीम इंडिया के लिए काम आया| और भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ट्रॉफी जीत ली| इस जीत ने धोनी को साबित कर दिया कि वह लंबे समय तक कप्तान बने रहने के लिए तैयार है|
गांगुली और सचिन 2007 का टी20 वर्ल्ड कप खेलना चाहते थे

MS Dhoni ने अपने पहले ही टूर्नामेंट में भारत को चैंपियन बना दिया| और फैंस के दिलों में अपनी एक खास जगह बना ली, इस टूर्नामेंट के बाद धोनी को वनडे टीम का कप्तान भी बना दिया गया| अब किसी को भी उनकी काबिलियत पर संदेह नहीं था|
और हर कोई जानता था कि भारतीय टीम का भविष्य अब सुरक्षित हाथों में है| सचिन तेंदुलकर के साथ-साथ राहुल द्रविड़ ने भी MS Dhoni को खुलकर सपोर्ट किया| धोनी ने अपने फैसलों से काफी विवादों को भी जन्म दिया था|
क्योंकि उन्होंने युवा खिलाड़ियों को मौके देने का फैसला किया| और कई दिग्गज सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया| ऐसा कहा जाता है कि गांगुली और तेंदुलकर भी 2007 के T20 वर्ल्ड कप का हिस्सा बनना चाहते थे|
लेकिन दोनों के पास इस फॉर्मेट का ज्यादा अनुभव नहीं था, दूसरी ओर धोनी युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते थे| द्रविड़ ने सीनियर खिलाड़ियों से बातचीत की और गौतम गंभीर और रोहित शर्मा को टीम में शामिल करने की सिफारिश की|
इसके बाद भारतीय टीम ने इतिहास रचा MS Dhoni ने वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी भी संभाली और अपनी काबिलियत साबित की, धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी के तीनों फॉर्मेट में जीत हासिल की|
धोनी ने अपनी कप्तानी का जलवा दिखाया

2007 के T20 वर्ल्ड कप के बाद 2011 में भारत ने ODI वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया| फिर 2013 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती, MS Dhoni दुनिया के एकमात्र कप्तान है| जिनके नाम तीनो आईसीसी ट्राफी जीतने का रिकॉर्ड है|
कहा जाता है की MS Dhoni ने 2011 वर्ल्ड कप की तैयारी 2008 से ही शुरू कर दी थी| उन्होंने कई बड़े टूर्नामेंट में सहवाग और सचिन को बेंच पर बिठाया, और युवा खिलाड़ियों को मौका दिया| धोनी ने सचिन, द्रविड़ और गांगुली को भी बाहर बिठाया, जिसके कारण कई विवाद हुए|
MS Dhoni का कहना था कि द्रविड़ और गांगुली अच्छे फील्डर नहीं थे| जबकि उन्होंने रैना और गंभीर को टीम में ज्यादा मौके दिए| उनका मानना था कि एक अच्छा फील्डर हर मैच में प्रदर्शन करता है| और टीम के लिए रन बचाता है|
जबकि बल्लेबाज और गेंदबाज कुछ ही मैचो में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं| धोनी ने भारतीय टीम के अलावा आईपीएल में भी अपनी कप्तानी का जलवा दिखाया| MS Dhoni (महेंद्र सिंह धोनी) की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने 10 बार टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई| और पांच बार खिताब अपने नाम किया|
धोनी निकले जॉन अब्राहम के फैन
MS Dhoni के बल्लेबाजी पर भी फैंस फिदा है, खासकर उनके हेलिकॉप्टर शॉट जो फैंस का पसंदीदा शॉट बन चुका है| धोनी को बेस्ट फिनिशर में भी गिना जाता है| क्योंकि वह अपने खास अंदाज में एक लंबा छक्का मार कर मैच का अंत किया करते थे|

अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी के अलावा MS Dhoni ने अपने हेयर स्टाइल से भी लोगों को दीवाना बनाया था| करियर की शुरुआत में धोनी लंबे बाल रखा करते थे| क्योंकि वह जॉन अब्राहम के फैन थे और उन्हें देखकर ही अपने बाल लंबे किए थे|
इसके अलावा समय-समय पर धोनी ने अपने हेयर स्टाइल में बदलाव किए, साल 2020 में MS Dhoni ने क्रिकेट के सभी इंटरनेशनल फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था| जिससे उनके फैंस की आंखों में आंसू आ गए थे|
MS Dhoni के बाद विराट कोहली ने टीम की कप्तानी संभाली थी, विराट कोहली ने कई सीरीज में टीम को जीत दिलाई, और उनका ट्रैक रिकार्ड भी अच्छा रहा| लेकिन वह अभी तक आईसीसी की कोई बड़ी ट्रॉफी टीम को नहीं जीता पाए हैं|