Shikhar Dhawan अपने देश के लिए खेला और खूब खेला और जब-जब जरूरत थी तब तब खेला और कुछ इस कदर खेला कि दुनिया ने उसे मिस्टर आईसीसी का नाम दे दिया |
मैदान में विरोधियों के सामने उसका मूछों पर ताव देना जांघ पर ताल ठोकना और उंगली उठाकर विकेट को सेलिब्रेट करते हुए किसी शेर की तरह दहाड़ना यह उसकी कुछ आदतें थी जिसकी स्मृतियां आज भी हमारे जेहन में जिंदा है |
शिखर धवन का गब्बर नाम कैसे पड़ा
उसकी मेहनत ने उसको सफलता के शिखर पर पहुंचाया लेकिन वक्त ने उससे उसकी सारी खुशी छीन ली ,और कुछ इस कदर छीनी कि उसका प्यार परिवार और करियर सब कुछ बिखर गया |

स्टोरी ऑफ मिस्टर आईसीसी गब्बर यह शब्द जैसे ही हमारे सामने आता है, हमारा दिमाग दो तस्वीरें बनाता है, एक वो गब्बर जिसने सोले फिल्म में ठाकुर के दोनों हाथ काट दिए थे | और एक वो गब्बर जिसने अपने टाइम में दुनिया के सभी गेंदबाजों के पर काट दिए थे |
रणजी ट्रॉफी का एक मैच खेला जा रहा था, और सिली पॉइंट पर एक लड़का फील्डिंग कर रहा था और जब विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के बीच एक बड़ी साझेदारी हुई तो उस लड़के के टीम के सभी खिलाड़ियों में मायूसी छाने लगी ,तभी वह लड़का सिली पॉइंट से दोनों बल्लेबाजों को देखकर चिल्लाया बहुत याराना है |
सूअर के बच्चों उस लड़के के मुंह से सोले फिल्म का यह डायलॉग सुनकर उस लड़के के टीम के सभी मायूस खिलाड़ी ठहाका मारकर हंसने लगे, वह लड़का जिस टीम से खेल रहा था उस टीम के कोच विजय दहिया थे |
और यह घटना विजय दहिया की आंखों के सामने घटी थी, और उसी दिन कोच विजय दहिया ने उस लड़के का नाम गब्बर रख दिया था |और यह लड़का कोई और नहीं बल्कि अपने Shikhar Dhawan (शिखर धवन) थे |
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओडीआई डेब्यू

साल था 2004 बांग्लादेश में अंडर 19 वर्ल्ड कप खेला जा रहा था |और पूरे विश्व क्रिकेट की निगाहें 18 साल के एक लड़के के ऊप पर आकर ठहर गई थी |उस लड़के के बल्ले से स्क्वायर कट हुक्स कवर ड्राइव एयर बोर्न कट्स और अपर कट्स या सारे शॉट्स इतनी आसानी से निकल रहे थे जैसे भारतीय क्रिकेट को जल्द ही एक नया सितारा मिलने वाला था |
यह लड़का कोई और नहीं बल्कि शिखर धवन ही थे , Shikhar Dhawan ने 2004 के अंडर 19 विश्व कप में सात मैच खेलकर 84 के एवरेज और 93 के स्ट्राइक रेट से कुल 505 रन बनाकर इस विश्व कप के टॉप स्कोरर रहे |
सिर्फ सात पारियों में ही Shikhar Dhawan ने तीन शतक और एक अर्ध शतक लगाकर मीडिया और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के आकर्षण का केंद्र बन गए थे | इसके बाद लिस्ट ए और रणजी के रण से निकलकर 20 अक्टूबर 2010 को धवन का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओडीआई डेब्यू हुआ इस डेब्यू के साथ ही साल 2010 में भारतीय क्रिकेट का यह सितारा विश्व क्रिकेट के फलक पर अपने कदम रख चुका था |
और यह साल 2010 ही था जो Shikhar Dhawan की जिंदगी की एक अलग कहानी लिख रहा था जिस कहानी का अंत और अंजाम दोनों ही बहुत ही दर्दनाक होने वाले थे | यह व दौर था जब सोशल मीडिया समाज में अपनी जड़ें फैला रहा था |
शिखर धवन की अफ़ेयर की सुरुआत

हर लड़का और हर लड़की इसी सोशल मीडिया के माध्यम से नए-नए दोस्त और नए-नए प्यार की तलाश में घंटों अपने समय को बर्बाद कर रहे थे | यह वो दौर था जिस दौर में हम अपने परिवार को कम और सोशल मीडिया के दोस्तों को ज्यादा समय दे रहे थे |
बिना किसी को देखे लोगों की सिर्फ प्रोफाइल और डीपी देख कर के प्यार हो रहा था | और चैट के माध्यम से पूरी जिंदगी साथ रहने और साथ निभाने के वादे किए जा रहे थे | ऐसे ही दौर में एक दिन फेसबुक स्क्रॉल करते समय Shikhar Dhawan की नज़र एक लड़की पर पड़ी |
उस लड़की का चेहरा देखते ही Shikhar Dhawan की नज़रे उस लड़की के फोटो पर रुक गई |
उस लड़की का नाम आयशा मुखर्जी था, इंडिया टीम के स्टार स्पिनर हरभजन सिंह के म्युचुअल फ्रेंड में दिख रहा था | पश्चिम बंगाल की रहने वाली यह लड़की फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रह रही थी और पेसे से यह लड़की किक बॉक्सर थी |
आयशा मुखर्जी के पिता बंगाली हिंदू हैं ,और मां ब्रिटिश ईसाई, भज्जी के म्यूचुअल फ्रेंड लिस्ट में देखकर धवन ने इस लड़की को फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड कर दी | यह धवन की पहली नजर का प्यार था और वक्त की नजर में यह धवन की सबसे बड़ी गलती थी |
धवन की सबसे बड़ी गलती

क्योकि साल 2010 तक धवन किसी परिचय के मोहताज नही थे, क्योंकि घरेलू क्रिकेट के रिकॉर्ड्स और मीडिया की रिपोर्ट्स बता रही थी कि आने वाले समय में धवन टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज है |
इसलिए धवन की फ्रेंड रिक्वेस्ट को आयशा मुखर्जी की तरफ से तुरंत एक्सेप्ट कर लिया गया | दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला प्रारंभ हुआ ,और बातों-बातों से पता चला कि आयशा मुखर्जी पहले से ही एक तलाकशुदा महिला है |
जिसकी दो बेटियां भी थी शिखर धवन से हुई इस मुलाकात से पहले आयशा मुखर्जी ने एक ऑस्ट्रेलियाई बिजनेसमैन से शादी की थी | लेकिन आयशा मुखर्जी के प्यार में पागल अपने सीधे-साधे Shikhar Dhawan को इन सारी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा |
और साल 2012 में Shikhar Dhawan ने दुनिया की परवाह किए बिना इस तलाकशुदा दो बेटियों की मां और अपने से 10 साल बड़ी ऐसा मुखर्जी से शादी कर ली, लेकिन उस वक्त धवन को कहां पता था कि धवन ने अपने लिए जिंदगी नहीं बल्कि अपनी जिंदगी के लिए कांटे चुने हैं |
धवन की टेस्ट डेब्यू की सुरुआत

14 मार्च 2013 को शिखर ने अपना टेस्ट डेब्यू किया सचिन ने Shikhar Dhawan को टेस्ट कैप दी और धवन ने जब इस मैच में बल्लेबाजी प्रारंभ की तो पूरी दुनिया धवन को बस देखती रह गई | Shikhar Dhawan ने ऑस्ट्रेलिया जैसे खतरनाक बॉलिंग लाइनअप के खिलाफ महज 85 गेंदों में शतक लगाकर किसी भी डेब्युटेंट द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड स्थापित कर दिया |
और 174 गेंदों में 187 रन बनाकर भारत के किसी भी डेब्युटेंट द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर का रिकॉर्ड स्थापित करके इतिहास में अपना नाम लिख दिया ,इससे पहले यह रिकॉर्ड गुड़अप्पा विस्वनाथ ने नाम पर था | जिन्होंने 1969 में 137 रन बनाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर रखा था |
इस पारी के बाद Shikhar Dhawan (शिखर धवन ) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के गलियारों में चर्चा का केंद्र बन चुके थे, इस पारी के बाद Shikhar Dhawan ने पीछे मुड़कर कभी देखा ही नहीं | फिर साल 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में धवन का धमाल देखकर संपूर्ण भारतीय क्रिकेट फैंस की जुबान पर शिखर ,शिखर और सिर्फ शिखर का ही नाम सुनाई देने लगा |
Shikhar Dhawan (शिखर धवन) ने 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में पांच इनिंग्स में बल्लेबाजी करते हुए 90 के औसत और 101 के स्ट्राइक रेट से कुल 363 रन बना डाले जिसमें दो सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी भी शामिल रही |
2. गोल्डन बैट जीतने वाले एकमात्र खिलाडी

Shikhar Dhawan की इस परफॉर्मेंस की बदौलत भारत ने 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की और 363 रन बनाकर धवन टॉप स्कोरर रहे , इस परफॉर्मेंस के लिए शिखर को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला और गोल्डन बैट से भी नवाजा गया |
साल 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी में भी शिखर धवन 338 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे और इस साल भी शिखर को गोल्डन बैट से नवाजा गया ,आईसीसी के किसी भी मंच पर दो-दो बार गोल्डन बैट जीतने वाले शिखर धवन भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं |
जबकि सचिन विराट और रोहित जैसे तमाम लेजेंड्स एक बार भी यह कारनामा करने में असफल रहे हैं |और यही कारण है कि Shikhar Dhawan (शिखर धवन) को मिस्टर आईसीसी के नाम से जाना जाता है | इधर शिखर का करियर अपनी बुलंदियों पर था और शिखर पर पैसों की तो जैसे बारिश हो रही थी |
और उधर Shikhar Dhawan (शिखर धवन) से शादी के कुछ दिनों के बाद आयसा मुखर्जी शिखर को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में रहने लगी वैसे तो आयसा मुखर्जी फाइनेंशियली काफी स्ट्रोंग थी | लेकिन Shikhar Dhawan से शादी के बाद आयशा ने अपना प्रोफेशन यानी किक बॉक्सिंग को छोड़ दिया |
आयशा मुखर्जी ने शिखर से झूठ बोला
विस्तार में अगर कहा जाए तो आयशा ने Shikhar Dhawan को लूटने और मेहनत से कमाए पैसो पर ऐस आराम करने की योजना बना ली |

शादी से पहले आयशा ने Shikhar Dhawan से वादा किया की शादी के बाद वो इंडिया आ कर धवन के साथ ही रहेंगी लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद आयशा अपनी बातो से पलट गई और ऑस्ट्रेलिया वापस चली गई |
दरअसल आयशा मुखर्जी ने शिखर से झूठ बोला था क्योंकि आयशा मुखर्जी का अपने पहले पति से यह लीगल कमिटमेंट था कि वे उनकी बच्चियों को उनसे दूर नहीं ले जाएंगी और वे जब चाहेंगे तब अपनी बेटियों से मिल सकेंगे | और यही कारण था कि आयशा, शिखर से वादा करके भी अपने वादे से पलट गई थी |
खुद तो इंडिया में रहना छोड़िए ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद आयशा ने शिखर को भी ऑस्ट्रेलिया आने के लिए फोर्स किया लेकिन शिखर ने इसके लिए साफ-साफ मना कर दिया क्योंकि आयसा से पहले एक चीज और थी जिस शिखर आयशा से ज्यादा प्यार करते थे और वह था क्रिकेट |
साल 2014 में आयशा ने ऑस्ट्रेलिया में ही Shikhar Dhawan के बेटे को जन्म दिया जिसका नाम जोरावर रखा गया, और यही वो मोड़ था जहां से शिखर को धीरे-धीरे टॉर्चर किया जाने लगा, दरअसल Shikhar Dhawan (शिखर धवन) की ऑस्ट्रेलिया में तीन प्रॉपर्टी थी |और आयशा ने उन तीनों प्रॉपर्टी को हथियाने का प्लान बनाया |
लालची औरत आयशा मुखर्जी

पहले तो आयशा ने Shikhar Dhawan को अपनी बातों में फंसाकर वह तीनों प्रॉपर्टी अपने नाम करने को कहा एक प्रॉपर्टी तो शिखर ने आयसा के नाम पर कर भी दी और बाकी की दो प्रॉपर्टी में शिखर ने आयशा मुखर्जी को जॉइंट ऑनर भी बना दिया |
लेकिन लालची और धूर्त लोगों की फितरत होती है कि मुफ्त में उन्हें चाहे जितना भी दे दो उनके लालच की आग शांत नहीं होती है |लिहाजा आयशा के भी लालच की आग अब दिन प्रतिदिन और बढ़ती ही जा रही थी |
आयशा ने अपने एक्स हस्बैंड के दोनों बेटियों के खर्च के नाम पर Shikhar Dhawan से पैसों की डिमांड करना प्रारंभ किया सीधे-साधे धवन ने आयसा की इस बात को भी मान लिया शिखर आयशा की डिमांड पर 5 -10 -15 लाख रूपए आयशा को महीने दो महीने में ऑस्ट्रेलिया भेजते रहे यहां तक कि आयशा मुखर्जी ने अपने पालतू कुत्तों के खर्च के नाम पर शिखर धवन से कई लाख रुपए ऐठ लिए |
एक तरफ Shikhar Dhawan (शिखर धवन) अपने रिश्ते को बचाने में लगे थे वहीं दूसरी तरफ आयसा शिखर धवन को लूटने में लगी थी | क्योकि उस समय Shikhar Dhawan (शिखर धवन ) टीम इंडिया की जान हुआ करते थे, लिहाजा शिखर धवन के पास पैसों की कोई कमी तो नहीं थी |
शिखर के अंगूठे में भयंकर चोट

लेकिन आयशा का टॉर्चर तो अब शिखर को धीरे-धीरे महसूस होने लगा था | और साल 2019 आते-आते आयसा का यह टॉर्चर अपनी सारी सीमाओं को पार करने लगा था | और इसी साल 2019 में शिखर के लिए बहुत कुछ बदलने वाला था |
2019 का ओडीआई विश्व कप प्रारंभ हो चुका था | और इसी विश्व कप में 9 जून 2019 को इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया का मैच खेला जा रहा था, गेंद पैट कमिंस के हाथों में थी एक तो ओवल की तेज और उछाल भरी पिच ऊपर से पैट कमिंस जैसा खतरनाक गेंदबाज जो उस मैच में 145 से 150 की स्पीड से गेंद डाल रहा था |
और पैट कमिंस की एक गेंद इन स्विंग बाउंस लेकर सीधे Shikhar Dhawan (शिखर धवन) के ग्लब्स से टकराई और शिखर धवन दर्द से तड़पकर सीधे वहीं जमीन पर बैठ गए | शिखर धवन के दर्द को देखकर ही उस मैच को देख रहे लोगों के समझ में आ गया था कि शिखर के साथ कुछ तो मेजर हुआ है |
टीम के फिजियो दौड़कर ग्राउंड पर आते हैं और ग्लव्स उतारकर धवन के अंगूठे को चेक किया जाता है | और फिजियो ने बताया कि अंगूठे में भयंकर चोट लगी है | और शायद हड्डी भी टूट चुकी है टीम के फीजियो ने शिखर को वह मैच ना खेलने की सलाह देकर कहा कि चलो वापस ड्रेसिंग रूम में चलो |
अंगूठे की चोट के कारण विश्व कप से बाहर

लेकिन फौलाद सा जिगर रखने वाले शिखर ने विश्व कप के इस बड़े मैच में अपने वतन को अकेला छोड़ना उचित नहीं समझा Shikhar Dhawan ने फिजियो के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा कि मैच बड़ा है | और कंगारुओं के सामने मुश्किल भी टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी कर रही थी |
इसलिए एक बड़ा टोटल बनाने का प्रेशर है और ऐसे हालात में, मैं अपने वतन को अकेला नहीं छोड़ सकता हूं | धवन की अब बातें सुनकर टीम फिजियो के समझ में आ गया कि यह भारत का योद्धा है, अंगूठा बेशक टूट गया हो लेकिन इरादे अभी भी अटल हैं |
टीम के फिजियो ने Shikhar Dhawan (शिखर धवन) को पेनकिलर दिया और शिखर ने टूटे अंगूठे के साथ बल्लेबाजी करना प्रारंभ किया और जब यह बात दर्शकों को कमेंट्री के माध्यम से पता चली तो भारतीय दर्शकों का सीना अपने उस शिखर के लिए गर्व से चौड़ा हो गया |

Shikhar Dhawan (शिखर धवन) ने इस मैच में अपने टूटे हुए अंगूठे के साथ खेलते हुए 109 गेंदों पर 117 रनों की शानदार पारी खेली और शिखर की इस पारी की बदौलत भारत ने विश्व कप के इस मैच में 352 रन बनाने के बाद 36 रनों से कंगारुओं को शिकस्त दे दी |
इस मैच के बाद शिखर धवन अपने उस अंगूठे की चोट के कारण इस विश्व कप से बाहर हो गए और शायद यही सबसे बड़ा कारण था कि भारत भी इस विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचकर फाइनल से बाहर हो गया |
वैवाहिक जीवन का लगा ग्रहण
अगर Shikhar Dhawan (शिखर धवन) अपने अंगूठे के चोट के कारण इस विश्व कप से बाहर ना हुए होते और अगर उस दिन सेमीफाइनल में शिखर न्यूजीलैंड के खिलाफ रहे होते तो टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर उतनी आसानी से तो कोलैपस नहीं करता जितनी आसानी से उस दिन कोलैप्स कर गया था |

क्योंकि आईसी टूर्नामेंट में आते ही Shikhar Dhawan (शिखर धवन) एक अलग लेवल के खिलाड़ी हो जाते थे | आईसी ओडीआई इंटरनेशनल के जो टूर्नामेंट हुए हैं उसमें शिखर धवन का एवरेज दुनिया में सबसे बेहतरीन है |
विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, रोहित शर्मा, रिचर्ड्स ,सईद अनवर और दुनिया के तमाम दिग्गज बल्लेबाज भी आईसी वनडे टूर्नामेंट में शिखर से पीछे हैं |
2019 के इस विश्व कप के बाद से Shikhar Dhawan (शिखर धवन) को टीम इंडिया से दूर रखा जाने लगा शिखर के वैवाहिक जीवन का ग्रहण अब शिखर के करियर पर पड़ने लगा था | उधर आयसा मुखर्जी की डिमांड अब दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी |
आयसा अब ऑस्ट्रेलिया की सभी प्रॉपर्टी में पूरी ओनरशिप के लिए शिखर पर मानसिक दबाव डालने लगी और इस दबाव से तंग आकर हमेशा मुस्कुराने वाले अपने शिखर अब तनाव में रहने लगे सिर्फ एक औरत ने शिखर के जिंदगी की सारी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया था |
अब Shikhar Dhawan को अपनी गलती का एहसास होने लगा था, इस शादी के लिए शिखर के घर वालों ने शिखर को मना किया था, लेकिन शिखर की जिद्द और शिखर की खुशी के लिए उन्होंने शिखर की बात मान ली थी |
शिखर के वह तमाम दर्द और आंसू

मां-बाप की इच्छा के विरुद्ध अपने देश की सरहदों को पार करके शिखर ने जिस औरत को अपना हमसफर बनाया था, उस औरत ने शिखर के साथ अपने लालच की सारी सरहदों को पार कर दिया था, और अब Shikhar Dhawan (शिखर धवन) को भी उस लालची औरत की महत्वाकांक्षा और उसके इरादे समझ में आ चुके थे |
लिहाजा साल 2021 में शिखर ने आयसा से अलग होने का निश्चय किया इस म्यूचुअल डाइवोर्स के लिए आयसा ने शिखर से ₹13 करोड़ रपए और ऑस्ट्रेलिया की वो तीनों प्रॉपर्टी की डिमांड की और इस मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना से तंग आकर शिखर ने साल 2023 में डाइवोर्स की अर्जी देकर इस लालची औरत से अपने संबंधों को समाप्त कर दिया |
इधर शिखर की जगह टीम इंडिया में शुभमन गिल को दे दी गई, और शिखर ने एक शब्द तक नहीं कहा हमेशा मुस्कुराने वाला टीम इंडिया का यह जांबाज बल्लेबाज उस वक्त भी सिर्फ मुस्कुरा ही रहा था, हालांकि उस मुस्कुराहट के पीछे शिखर के वह तमाम दर्द और आंसू छिपे हुए थे |
जिसे समझने की कोशिश शायद किसी ने नहीं की ना Shikhar Dhawan की बीवी ने ना टीम इंडिया ने और ना ही बीसीसीआई ने वक्त ने एक झटके में शिखर से वह सब कुछ छीन लिया शिखर का प्यार शिखर का परिवार शिखर का करियर और यहां तक कि शिखर की एक-एक खुशी |